हरदा में करणी सैनिकों पर बर्बर लाठीचार्ज, पीड़ितों से आज मिलने जाएंगे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह
हरदा में करणी सेना के कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज और गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशभर में प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।

हरदा। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में करणी सेना परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कार्यकर्ताओं पर बर्बर लाठीचार्ज का मामला गरमाया हुआ है। इस घटना के विरोध में प्रदेशभर में प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। घटना को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष जयवर्धन सिंह व पार्टी के अन्य विधायक आज हरदा जाएंगे और पीड़ितों से मुलाकात करेंगे।
इससे पहले सोमवार सुबह करीब 7:15 बजे करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर, कृष्णा अजय पाल, राहुल पिता भारत और नेपाल पिता विक्रम सिंह को सशर्त रिहा किया गया। रिहाई एसडीएम कुमार शानू देवड़िया की मौजूदगी में हुई। प्रशासन ने जीवन सिंह शेरपुर को जिला सीमा से बाहर छोड़ा है। उनसे लिखित में लिया गया है कि वे हरदा में किसी भी तरह के आंदोलन या प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे।
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फिलहाल करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुनील राजपूत समेत 56 कार्यकर्ता जिला जेल में बंद हैं। हरदा में चक्काजाम कर रहे करणी सेना परिवार के कार्यकर्ताओं पर पुलिस के लाठीचार्ज का प्रदेश भर में विरोध हो रहा है। रविवार को भोपाल, रतलाम समेत प्रदेश के कई शहरों में चक्काजाम और प्रदर्शन किया गया। सोमवार को भी कई जिलों में प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।
बता दें कि करणी सेना परिवार के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने दो दिन में तीन बार लाठीचार्ज किया। इसके कई वीडियो भी सामने आए हैं। आरोप ये भी है कि छात्रावास में घुसकर पुलिस ने स्टूडेंट्स के साथ भी बेरहमी से मारपीट की।
वीडियो सामने आने पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि किस कदर एमपी पुलिस करणी सेना/राजपूत समाज की साधारण माँग ना मान कर निहत्थे राजपूतों पर डंडे बरसा रही है मैं उसकी घोर निंदा करता हूँ। उन्होंने सीएम मोहन यादव से पूछा कि क्या यह सब आपके निर्देश पर हो रहा है? क्या आप हरदा एसपी और कलेक्टर को इस बर्बरता को रोकने के निदेश देंगे?
सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि हरदा में करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर व अन्य पर पुलिस द्वारा किये गए बर्बर लाठी चार्ज की मैं घोर निंदा करता हूँ। मध्यप्रदेश में क़ानून और व्यवस्था के नाम पर पुलिस की अराजकता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। सरकार को मूक दर्शक बनने की बजाय पुलिस पर अंकुश लगाना चाहिए।