Betul : जहरीली रोटी खाने से हुई थी ADJ महेंद्र त्रिपाठी और बेटे की मौत

बैतूल एडीजे महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बेटे की संदिग्ध मौत मामले में पुलिस ने रीवा से 6 लोगों को पकड़ा

Updated: Jul 31, 2020, 05:35 AM IST

बैतूल। जिला न्यायालय के एडीजे और उनके बेटे की मौत जहरीला खाना खाने से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया कि जहर कौन सा था। बैतूल पुलिस ने रीवा से छिंदवाड़ा निवासी एक महिला सहित छह लोगों को हिरासत में लिया है। रीवा से सभी संदिग्धों को बैतूल लाया जा रहा है। महिला की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

बैतूल एसपी सिमाला प्रसाद का कहना है कि संदिग्धों को पकडऩे के लिए चार टीमें बनाई गई हैं।जिनमें से पुलिस की दो टीमें छिंदवाड़ा, एक रीवा और एक टीम शहडोल भेजी गई हैं। एडीजे महेंद्र त्रिपाठी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर से मौत होने की पुष्टि हुई है। फिलहाल पिता पुत्र का विसरा रिजर्व किया है, जिसे जांच के लिए भेजा जाएगा।

संध्या सिंह नाम की एक महिला ने दिया था आटा

एडीजे के छोटे बेटे आशीष राज का कहना है कि संध्या सिंह नाम की एक महिला ने उनके पापा को आटा दिया था, जिससे बनी रोटी को खाने के बाद पापा और भाई की तबियत बिगड़ी और मौत हो गई। आशीष का कहना है कि संध्या सिंह नाम की महिला पिछले दस सालों से उसके पिता के संपर्क में थी। इससे पहले भी वह कई बार उनके परिवार को ख़त्म करने की साजिश रच चुकी है।

 रोटी खाने के बाद बिगड़ी थी तबीयत

हाल ही में बैतूल अपर जिला न्यायाधीश और उनके दोनों बेटों को फूड पॉइजनिंग की शिकायत हुई थी, तीनों ने घर पर ही भोजन किया था। उस दिन खाना महेंद्र त्रिपाठी की पत्नी ने बनाया था। लेकिन उन्होंने खाना नहीं खाया था, जबकि उनके दोनों बेटों और पति ने खाया और तीनों की तबीयत बिगड़ गई थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेंद्र कुमार त्रिपाठी और उनके बड़े बेटे की फूड पॉइजनिंग से नागपुर में मौत हो गई थी। जिसके बाद बैतूल में एडीजे के आवास को सील कर दिया गया था।

पहले दिन घर पर ही किया था इलाज

20 जुलाई की रात एडीजे और उनके दोनों बेटों को फूड पॉइजनिंग की शिकायत हुई थी। तीनों ने घर पर ही भोजन किया था। तबीयत बिगड़ने पर पहले उन्होंने घरेलू उपचार किया था। जिससे छोटे बेटे की तबीयत तो ठीक हो गई थी, लेकिन एडीजे और उनके बड़े बेटे अभियान राज त्रिपाठी की हालत लगातार खराब होती चली गई। जिसके बाद दोनों को शनिवार को ही नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी रास्ते में बड़े बेटे ने दम तोड़ दिया।

वहीं देर रात नागपुर के अस्पताल में एडीजे महेंद्र त्रिपाठी की भी मौत हो गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जोशी का कहना है कि फूड पॉइजनिंग के बाद एडीजे और उनके बेटे को 23 जुलाई को पाढ़र अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां हालत बिगड़ने पर नागपुर रैफर किया था। पुलिस को शंका है कि मजिस्ट्रेट परिवार ने 20 जुलाई की रात जो रोटियां खाई थीं, उससे फूड पॉइजनिंग हुई । जबकि उनकी पत्नी ने रोटी की जगह चावल खाया था। जिसके कारण वे फूड पॉइजनिगं से बच गई। 

हत्या की साजिश की आशंका

एडीजे महेंद्र त्रिपाठी की संदिग्ध मौत को उनके कार्यकाल के दौरान किये गये फैसलों को लेकर भी जोड़ा जा रहा है। इस मामले में कई तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है। एडीजे की मौत के बाद नागपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने वैढऩ, अमरपाटन और बैतूल की पदस्थापना के दौरान किये गये चर्चित फैसलों से प्रभावित पक्षों के बारे में जानकारी मांगी है। वहीं वैढऩ के जिला एवं सत्र न्यायाधीश से जांच कराये जाने के लिये हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजा गया है। एडीजे की मौत के बारे में सिंगरौली के जिला मजिस्ट्रेट को भी सूचना दे दी गई है। कानूनी जानकारों के मुताबिक सजायाफ्ता कैदियों की एक प्रति जिला प्रशासन को भेजी जाती है। इसके चलते एडीजे की मौत की बारीकी से जांच शुरू हो गई है। फूड प्वाइजनिंग की शिकायत पर नागपुर में उपचार के दौरान मौत होने के बाद एडीजे और उनके पुत्र का शरीर नीला पड़ गया था। उनके परिवार ने शंका जताई है कि एडीजे के फैसलों से पीडि़त कुछ आपराधियों ने उनकी हत्या की साजिश रची है।