MP में गुजरात फॉर्मूला अपना सकती है बीजेपी, CM शिवराज समेत तमाम मंत्रियों की उड़ी नींद

मध्य प्रदेश में 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, राज्य में एंटी इनकंबेंसी को दूर करने के लिए बीजेपी गुजरात फॉर्मूला अपना सकती है, ऐसे में तमाम सीनियर नेता चिंतित हैं।

Updated: Dec 18, 2022, 02:08 PM IST

भोपाल। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों ने भले ही देशभर के भाजपा नेताओं को उत्साहित कर दिया हो, लेकिन मध्य प्रदेश में पार्टी नेताओं की नींद उड़ा दी है। दरअसल, भाजपा नेताओं को इस बात का डर है कि राज्य में एंटी इनकंबेंसी को दूर करने के लिए हाईकमान गुजरात फॉर्मूला न लागू कर दे। गुजरात वाली रणनीति को लेकर सीएम शिवराज समेत कैबिनेट के सभी मंत्री चिंतित हैं।

वहीं, बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक बयान ने नेताओं की चिंता को और बढ़ा दिया है। दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान एमपी में भी गुजरात फॉर्मूला अपनाने की वकालत की। विजयवर्गीय ने कहा कि, 'न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। गुजरात एक आदर्श राज्य बन गया है। सात बार चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा का वोट शेयर बढ़ गया है। यह आजादी के बाद पहली बार हुआ है।'

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दरअसल, पिछले साल बीजेपी ने गुजरात में न केवल मुख्यमंत्री बल्की पूरा मंत्रिमंडल बदल दिया था। वहां राज्य के सभी मंत्रियों का पद छीन लिया गया था और नए चेहरों को मंत्री बना दिया गया। इतना ही नहीं एंटी इनकंबेंसी की चोट से बचने के लिए 45 मौजूदा विधायकों का भी टिकट काट दिया था। इसके बावजूद भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ राज्य में सरकार बनाई। ऐसे में अब लोग कह रहे हैं कि भाजपा को एमपी में भी गुजरात फॉर्मूला लागू किया जाना चाहिए, ताकि सत्ताविरोधी लहर से बचा जा सके।

यदि राज्य में गुजरात मॉडल लागू होता है तो सीएम शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री विश्वास सारंग, भूपेंद्र सिंह समेत तमाम दिग्गजों के पद छीन जाएंगे। मंदसौर से तीन बार के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने भी कहा है कि एमपी में भी गुजरात की तरह ही बदलाव किए जा सकते हैं। इससे पहले सतना के मैहर से विधायक नरेंद्र त्रिपाठी भी गुजरात फॉर्मूला लागू करने की वकालत कर चुके हैं। त्रिपाठी ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर राज्य में सत्ता और संगठन में अमूलचूल परिवर्तन की मांग की है।