Vistadome Tourist Coach: सैलानियों के लिए विशेष विस्टाडोम कोच का परीक्षण

180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली विशेष ट्रेनों में लगेंगे शानदार विस्टाडोम टूरिस्ट कोच, बाहर के नज़ारे देखने के लिए लगी होंगी विशेष खिड़कियां

Updated: Dec 29, 2020, 08:12 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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भारतीय रेलवे ने पर्यटकों के लिए नए और बेहतर डिज़ाइन वाले विस्टाडोम कोच का परीक्षण किया है। यह खास कोच 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली हाई स्पीड ट्रेन में लगाए जा सकते हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसके सफल ट्रायल की जानकारी दी है। रेलवे को उम्मीद है कि ये शानदार कोच पर्यटकों को काफी पसंद आएंगे। यात्रियों की सुविधा के हिसाब से इन कोचों को आधुनिक और आरामदेह बनाया गया है। 

सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसे देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने लिखा है कि साल 2020 का अंत बड़ी कामयाबी के साथ हो रहा है। इस विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाकर सफल परीक्षण किया गया। 

क्या हैं इस कोच की खूबियां

दरअसल विस्टाडोम खास तरह के कोच होते हैं, ये पर्यटकों के लिए डिजाइन किए गए हैं। इनकी खिड़कियां सामान्य से काफी ज्यादा चौड़ी और बड़ी हैं। इन कोच की छत पर कांच लगें हैं, ताकि यात्रियों को प्राकृतिक नजारे आसानी से नजर आ सकें।  इसकी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। इस कोच में वाई-फाई-आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी लगाई गई है। विस्टाडोम कोच वाली ट्रेन ने रफ्तार के मामले में वंदे भारत एक्सप्रेस की बराबरी कर ली है। गौरतलब है कि इससे पहले भारत में टैल्गो ट्रेन 180 की स्पीड से दौड़ी थी।

आपको बता दें कि पिछले कुछ अरसे में भारतीय रेलवे ने कई नए रिकॉर्ड बनाए हैं। रेलवे ने 2.08 किलोमीटर  लंबी ‘शेषनाग’ ट्रेन और उससे पहले दो किलोमीटर लंबी ‘सुपर एनाकोंडा’ नाम की ट्रेन चलाई। शेषनाग ट्रेन में चार मालगाड़ियों के खाली डिब्बे लगाए गए थे। जिनमें चार इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव सेट का उपयोग किया गया। ‘शेषनाग’ भारतीय रेल द्वारा चलाई गई अब तक की सबसे लंबी ट्रेन है। इसमें कुल नौ इंजन और चार गार्ड वैन लगे थे। इस ट्रेन में 251 डिब्बे लगाए गए हैं।