बुरहानपुर में वन विभाग और पुलिस की टीम पर वन माफिया का हमला, तीर और देसी बम फेंककर किया घायल
बुरहानपुर के वन माफिया का मुख्य सरगना फूल सिंह शुक्ला पुलिस की पकड़ से बाहर है, शनिवार सुबह हुए हमले में कुल दस लोग घायल हुए हैं

बुरहानपुर। बुरहानपुर में सक्रिय वन माफिया बेलगाम हो गए हैं। शनिवार सुबह को जंगल में वन माफियाओं पर कार्रवाई करने पहुंच वन विभाग और पुलिस की टीम पर हमला हो गया। वन माफियाओं ने टीम पर तीर और देसी बम से हमला कर दिया। वन माफियाओं के इस जानलेवा हमले में कुल वन विभाग और पुलिस की टीम के दस लोग घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार सुबह को सीसीएफ आरपी राय और डीएफओ अनुपम वर्मा के नेतृत्व में करीब दो सौ वन कर्मियों और कुछ पुलिसकर्मियों की टीम घाघरला के जंगल में वन माफियाओं पर दबिश डालने पहुंची थी।
प्रशासन को अपनी तरफ आता देख वन माफियाओं ने उन पर देसी बम, तीर और बंदूक से हमला कर दिया। वन माफियाओं के जानलेवा हमले का वन विभाग की टीम के पास कोई जवाब नहीं था। जिस वजह से वन विभाग की टीम के कुल दस लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इस समय उनका इलाज चल रहा है।
वन माफिया का हमला
— Ramashankar sharma (@Ramashankarsh19) March 11, 2023
आज किया हमला। कई वनकर्मी गम्भीर घायल।नही लग पा रही वन मगिया पर लगाम। पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी। मुख्य सरगना फूल सिंह शुगला पकड़ से बाहर। तीर से भी किया गया हमला। @moefcc @CentralIfs @Ajaydubey9 pic.twitter.com/L4N4xXeNQI
शुक्रवार देर रात को भी माफियाओं द्वारा पुलिस की टीम पर हमला किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने अपना बल भेजने से इनकार कर दिया है। वन विभाग की टीम भी जंगल से वापस आ गई है।
बुरहानपुर में सक्रिय वन माफिया का मुख्य सरगना फूल सिंह नामक व्यक्ति को बताया जा रहा है। उसकी अगुवाई में अब तक बुरहानपुर के जंगलों से लाखों पेड़ों को काटा जा चुका है। वन माफियाओं ने करीब एक तिहाई जंगल को साफ कर दिया है। वन माफिया के नेटवर्क के सामने में वन विभाग और पुलिस की टीम भी बेबस नजर आ रही है।
इससे पहले बीते दिनों भी बुरहानपुर में वन विभाग की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने हमला किया था। वन विभाग की टीम अपने साथ चार अतिक्रमणकारियों को गिरफ्तार कर लाई थी। लेकिन बाद में उनके साथी वन विभाग के कार्यालय में दाखिल हुए और उत्पात मचाकर अपने साथियों को वन विभाग की पकड़ से ले भागने में कामयाब हो गए।