खजुराहो से सपा ने बदला प्रत्याशी, मनोज यादव का दूसरी बार कटा टिकट

इस सीट से समाजवादी पार्टी ने अब मीरा दीपक यादव को चुनावी मैदान में उतारा है, विधानसभा चुनाव में भी छतरपुर ज़िले से मनोज यादव का टिकट कट गया था

Updated: Apr 02, 2024, 08:47 AM IST

Photo Source : Navbharat  Times
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भोपाल। मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। समाजवादी पार्टी ने मनोज यादव का टिकट काट दिया है। मनोज यादव की जगह पर अब मीरा यादव समाजवादी पार्टी से लोकसभा उम्मीदवार होंगी। 

समाजवादी पार्टी ने दो दिन पहले ही मनोज यादव को इस सीट से चुनावी मैदान में उतारे जाने की घोषणा की थी। लेकिन अचानक समाजवादी पार्टी ने अपना प्रत्याशी बदल लिया। मीरा यादव ख़ुद विधायक रह चुकी हैं। मीरा यादव के पति डीप नारायण सिंह यादव भी दो बार विधायक रह चुके हैं। 

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब मनोज यादव को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी ने उनका टिकट है। बीते विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने मनोज यादव को छतरपुर ज़िले की बिजावर सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी ने इस सीट से अपने प्रत्याशी का ही नाम वापस ले लिया था और उसने इस सीट से चुनाव नहीं लड़ा था। हालांकि मनोज यादव 2014 में भी विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 

खजुराहो से मौजूदा समय में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सांसद हैं। 2019 में समाजवादी पार्टी ने इस सीट से वीर सिंह पटेल को उतारा था। इंडिया गठबंधन के हुए सीटों के बटवारे के तहत खजुराहो की सीट इस बार समाजवादी पार्टी के पाले में गई है। 

खजुराहो मध्य प्रदेश की उन सात लोकसभा सीटों में से एक है जहां दूसरे चरण में मतदान होने हैं। खजुराहो के अलावा टीकमगढ़, दमोह, सतना, रीवा, होशंगाबाद और बैतूल में 26 अप्रैल को वोटिंग होगी। इन सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया 28 मार्च से शुरू हो चुकी है जोकि 4 अप्रैल तक चलेगी। नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशी 8 अप्रैल तक अपना नाम वापस ले सकते हैं। 

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मध्य प्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं। पिछली बार कांग्रेस को यहां सिर्फ़ छिंदवाड़ा में जीत मिली थी। छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से एक बार फिर नकुल नाथ उम्मीदवार हैं। हालांकि मध्य प्रदेश में इस बार बीजेपी की राह उतनी आसान नहीं रहने वाली है। कांग्रेस के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने चुनावों के लिए जनसंपर्क करना शुरु कर दिया है। कांग्रेस के लगातार बढ़ते दबदबे को देखते हुए बीजेपी ने एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस के भीतर सेंधमारी के प्रयास शुरु कर दिए हैं। 

हालांकि बीजेपी के सामने इस बार सबसे बड़ी चुनौती राजगढ़ को बचाने की है, जहां से इस बार ख़ुद राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह चुनावी मैदान में उतरे हैं। एक समय में यह लोकसभा क्षेत्र दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता था और वह मुख्यमंत्री बनने से पहले इस सीट से सांसद भी रह चुके थे। कालांतर में बीजेपी ने इस सीट को अपनी झोली में कर लिया लेकिन, इस क्षेत्र से ख़ुद दिग्विजय सिंह की चुनावी मैदान में वापसी से बीजेपी के खेमे में इस सीट के उसके हाथ से जाने की शंकाओं को जन्म दे दिया है।