देश में नफरत फैला रहा व्यापारी रामदेव, शरबत वाले बयान पर दिग्विजय सिंह ने टीटी नगर थाने में की शिकायत

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि पतंजलि के संस्थापक व्यापारी रामदेव अपने उत्पादों के प्रचार के दौरान नफरत, कटुता और घृणा का सहारा ले रहे हैं।

Updated: Apr 15, 2025, 04:03 PM IST

भोपाल। पंतजलि प्रोडक्ट्स का प्रचार करने के दौरान आपत्तिजनक टिपण्णी मामले में बाबा रामदेव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रामदेव के खिलाफ भोपाल के टीटी नगर थाने में शिकायत की है। सिंह ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर यदि पुलिस FIR दर्ज नहीं करेगी तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

दिग्विजय सिंह ने अपने शिकायती आवेदन में कहा है कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के कर्ताधर्ता ’’व्यापारी रामदेव’’ द्वारा अपना व्यापार बढाने के उद्देश्य से एक वीडियो प्रसारित किया गया। सिंह ने शिकायत में बताया कि रामदेव ने पतंजलि के गुलाब शरबत की मार्केटिंग करते हुए कहा कि शरबत के नाम पर एक कंपनी है जो शरबत देती है लेकिन वह शरबत से जो पैसा मिलता है उससे मदरसे और मस्जिद बनवाती है। आप यदि वह शरबत पियेगें तो मस्जिद और मदरसे बनेगें और पतंजलि का गुलाब शरबत पीते हैं तो गुरूकुल बनेगें, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढे़गा। इसलिये मैं कहता हूं यह शरबत जिहाद भी है, जैसे लव जिहाद, वोट जिहाद चल रहा है, ऐसे शरबत जिहाद भी चल रहा है।

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सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है एवं वैमनस्य पूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव वाला है तथा भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है।व्यापारी रामदेव ने अपने उत्पादों को बेचने के लिये धर्म तथा राष्ट्रवाद का सहारा लेकर करोड़ों रूपये का साम्राज्य बनाया जबकि पतंजलि के कई उत्पाद तय मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं जिनमें से कई उत्पादों को सक्षम न्यायालय द्वारा प्रतिबंधित भी किया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी रामदेव ने कोविड महामारी में भी अवसर का लाभ लेने से स्वयं को अछूता नहीं रखा और कोरोना की वैक्सीन बनाने के झूठे वादे करते हुए पूरे भारत देश को छलने का प्रयास किया और बाद में सर्वोच्च न्यायालय की फटकार पड़़ने पर मांफी मांग ली। परन्तु अपने कृत्यों से आज भी जनमानस को भ्रमित कर उनकी धार्मिक भावनाओं से खिलवाड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यापारी रामदेव ने बिना नाम लिये जिस शरबत कंपनी का जिक्र किया है उस ’हमदर्द’ कंपनी को पूरा देश जानता है। ’हमदर्द’ कंपनी हमारे देश में लगभग 100 वर्षां से आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाओं का व्यापार कर रही है। व्यापारी रामदेव का ’’रूह अफजा’’ शरबत का विरोध सिर्फ इसलिये है कि उस कंपनी का मालिक मुस्लिम है पूरी तरह से हेट स्पीच है तथा उक्त शरबत की बिक्री को ’’शरबत जिहाद’’ कहना असंवैधानिक है।

सिंह ने शिकायत में आगे कहा कि वर्तमान में देश में कई बड़ी कंपनिया जैसे विप्रो, सिप्ला, हिमालया एवं मेट्रो इत्यादि के मालिक मुस्लिम है, जिनमें काम करने वाले अधिकांश लोग हिन्दू है जो इन कंपनियों में काम करके अपना तथा अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे है तथा देश की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर रहे है, तो क्या वह अपनी कंपनी के माध्यम से जन-मानस में आईटी, दवा, आयुर्वेद एवं जूता जिहाद फैला रहे हैंघ् और क्या उनमें काम करने वाले लोग जिहादी हैं?

उन्होंने कहा कि व्यापारी रामदेव द्वारा अपने उत्पाद के अधिक विक्रय बढ़ाने के लिये देशवासियों में धार्मिक भावनाओं को भड़काते हुये अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से जारी वीडियो से देशवासियों के मध्य घृणा, नफरत व द्वेष फैलाने का जो कार्य किया गया है वह अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। सिंह ने मांग की है कि रामदेव के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1)(क), 299 एवं आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उचित व कठोर कार्रवाई किया जाए।

मामले पर अतिरिक्त डीसीपी रश्मि अग्रवाल दुबे ने कहा कि दिग्विजय सिंह की ओर से लिखित शिकायत की गई है और हम मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बयान और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रामदेव को ठग करार दिया। उन्होंने कहा कि ठग रामदेव भाजपा के ठगों के साथ मिलकर जमीनों की ठगी कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि रामदेव को मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा हजारों एकड़ जमीनें दी गई है।