हरियाणा की ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा गिरफ्तार, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का है आरोप
पुलिस के मुताबिक ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी। सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की गोपनीय जानकारी भेज रही थी। वह तीन बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुकी है।

हिसार। हरियाणा की चर्चित यूट्यूबर व ट्रैवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। ज्योति पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों को संवेदनशील जानकारी देने का गंभीर आरोप है। इसमें यूटयूबर ज्योति मल्होत्रा तथा उसके पांच साथी शामिल हैं। ज्योति को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया है। ज्योति हिसार की रहने वाली है।
आईबी टीम की रिपोर्ट में बताया गया है कि 33 वर्षीय ज्योति के पिता का नाम हरीश कुमार मल्होत्रा है और ये न्यू अग्रसेन कॉलोनी घोड़ा फार्म रोड की निवासी है। यहीं से इसको राउंडअप किया गया। हिसार पुलिस ने शनिवार को ज्योति को कोर्ट में पेश कर 5 दिन की रिमांड पर ले लिया। बता दें कि पिछले एक हफ्ते में ज्योति के अलावा हरियाणा से 3 और पंजाब से 3 पाकिस्तानी जासूस अरेस्ट किए गए हैं।
हिसार पुलिस के मुताबिक, 15 मई को DSP जितेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने ज्योति को उसके घर से हिरासत में लिया। उसके खिलाफ हिसार सिविल लाइन थाने में मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय एजेंसियां ज्योति से पूछताछ कर रही हैं।
हिसार पुलिस के मुताबिक, 'ज्योति पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में थी। सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की गोपनीय जानकारी भेज रही थी। तीन बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुकी ज्योति पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर थी।' ज्योति दो बार सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ पाकिस्तान गई। इसके अलावा एक बार वह करतारपुर साहिब कॉरिडोर के जरिये वहां गई।
ज्योति सोशल मीडिया पर एक्टिव है। फेसबुक और यूट्यूब पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। पिछले 2-3 सालों से वह 'ट्रैवल विद जो' नाम से यूट्यूब चैनल चलाती है, जिसमें देश-विदेश की यात्राओं के वीडियो बनाती है। पहले वह गुरुग्राम की एक निजी कंपनी में काम करती थी, लेकिन कोविड के दौरान उसे नौकरी से हटा दिया गया। इसके बाद वह ब्लॉगर बन गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में ज्योति ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। यह यात्रा उसने उच्चायोग के जरिए वीजा लेकर की थी। इस दौरान ज्योति की मुलाकात पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई, जिसके साथ उसके गहरे संबंध बन गए। दानिश के माध्यम से ज्योति की पहचान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अन्य एजेंटों से कराई गई, जिनमें अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज (जिसका नाम उसने अपने फोन में 'जट्ट रंधावा' नाम से सेव किया था) शामिल थे।