चौकीदार अभी जिंदा है, गाय के गोबर की चोट भारी पड़ेगी, मोहन सरकार को उमा भारती की चेतावनी

उमा भारती ने मध्य प्रदेश की नई आबकारी नीति के तहत दुकानों आवंटन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक्स पर सिलसिलेवार पोस्ट कर मोहन यादव सरकार को चेतावनी भी दी है।

Updated: Apr 15, 2025, 05:41 PM IST

भोपाल। शराबबंदी की मांग को लेकर अक्सर मुखर रहने वाली भाजपा नेत्री उमा भारती ने एक बार फिर अपनी ही सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नई आबकारी नीति के तहत दुकानों के आवंटन पर सवाल खड़े किए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सीएम मोहन यादव को चेतावनी देते हुए कहा कि गाय के गोबर की चोट भारी पड़ेगी।

दरअसल, मध्य प्रदेश में नई शराब नीति लागू होने के बाद मदिरा की दुकानों का आवंटन शुरू हो गया है। सरकार ने 19 धार्मिक स्थानों पर शराब की बिक्री पर रोक लगाई है, लेकिन अब उन दुकानों को दूसरी जगहों पर ट्रांसफर किया जा रहा है। इसी क्रम में अब दुकानों की संख्या भी बढ़ने लगी है, दुकानों का आवंटन अब गांवों में किया जा रहा है। इसका लोग विरोध कर रहे हैं। खासकर महिलाओं का ज्यादा विरोध-पदर्शन हो रहा है। अब इसी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी सवाल उठाए हैं।

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पूर्व सीएम उमा भारती ने एक्स पर लिखा कि दो साल पहले मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर एक व्यापक अभियान चला जिसके परिणाम स्वरुप जनवरी 2023 के आरंभ में नई शराब नीति घोषित हुई। उन्होंने आगे लिखा कि वह एक व्यापक विचार विमर्श के तहत बनी एक आबकारी नीति थी जो हमें एक दो वर्षों में पूर्ण शराबबंदी की ओर ले जा रही थी।

उमा भारती ने आगे लिखा कि मैं दो साल उसी नीति के प्रभावी तरीके से लागू होने की प्रतीक्षा कर रही थी, पिछले डेढ़ साल में नई सरकार से भी इस विषय पर मेरी निरंतर बात हुई। हमारी सरकार हो, हमारा मुख्यमंत्री हो तो कई बार हम आपस की बातचीत को सार्वजनिक नहीं करते। उन्होंने आगे लिखा कि 'गुणों की चर्चा सर्वत्र, दोषों को उचित स्थान पर' मैं इस नीति पर रही तो सबको लगा होगा कि इस विषय पर तटस्थ हो गई हूं ऐसा बिल्कुल नहीं है, 4 महीने से मन में हलचल मची हुई है।

उमा भारती ने लिखा कि दुकानों के आवंटन को लेकर सर्वत्र जन विरोध विशेष कर महिलाओं का विरोध हो रहा है क्या हम शराब वितरण नीति के प्रति लापरवाह हो गए हैं? उमा भारती ने चेतावनी देते हुए कहा कि चौकीदार अभी जिंदा है। हाथ में पत्थर की जरूरत नहीं लगती, गाय के गोबर की चोट ज्यादा भारी पड़ेगी।

बता दें कि उमा भारती पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के समय से ही शराब को लेकर आंदोलन कर रही हैं। वह शराब दुकान पर पत्थरबाजी भी कर चुकी हैं। मोहन सरकार में भी उन्होंने तेवर दिखाए थे। इसके बाद मोहन यादव ने मुलाकात की थी। मोहन यादव ने इसके बाद धार्मिक शहरों में शराबबंदी का फैसला लिया था।