जी भाईसाहब जी: राहुल गांधी की महू यात्रा के पहले शह और मात 

MP Politics: संविधान को लेकर अगले कुछ दिनों में मध्यप्रदेश का राजनीतिक पारा हाई होने वाला है। पूरे देश में आंदोलन खड़ा करने की तैयारी कर रही कांग्रेस 27 जनवरी को महू में बड़ा जमावड़ा कर रही है। जवाब में बीजेपी भी सक्रिय हो गई है। इस शक्ति प्रदर्शन के पहले बीजेपी और कांग्रेस की बयानों की जंग तेज हो गई है। 

Updated: Jan 21, 2025, 02:37 PM IST

लोकसभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। संविधान और बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के नाम पर लड़ी जा रही इस लड़ाई का केंद्र अब मध्‍य प्रदेश बन रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी संविधान को कमजोर कर रही है। वहीं बीजेपी ने प्रत्‍यूत्‍तर में कहा है कि वही संविधान की असली रक्षक है। विपक्ष को घेरने तथा अपना आधार मजबूत करने के लिए दोनों ही दल जनता के बीच जा रहा है। ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ अभियान के जरिए कांगेस तो संविधान गौरव अभियान के रूप में बीजेपी ने मुहिम छेड़ दी है। 

‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’  अभियान के तहत महू में कांग्रेस का बड़ा आयोजन 27 जनवरी को हो रहा है जिसमें कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित बड़े नेता शामिल होंगे। आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रदेश के सारे बड़े नेता सक्रिय हैं। वहीं, जवाब में बीजेपी में संविधान गौरव अभियान शुरू कर दिया है। योजना है कि कांग्रेस की रैली से पहले बीजेपी के 7 बड़े नेता मध्य प्रदेश के 7 संभागों में 'संविधान गौरव दिवस' के कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इन नेताओं में गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हैं। बीजेपी जगह-जगह संविधान गौरव दिवस आयोजन कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष अलग-अलग हिस्‍सों में रैलियां, बैठकों में शामिल हो रहे हैं। 27 जनवरी को महू में प्रदेश के हर कौन से कार्यकर्ताओं को जुटाने के लिए बड़े नेताओं को अलग-अलग संभागों का प्रभार दिया गया। 

राजनीति के इन मंचों के सजने के पहले जुबानी मोर्चा खुल चुका है। जहां सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को संविधान प्रहरी बताने का क्रम जारी है वहीं नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-तंज तेज कर दिए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा के पहले नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तीखा बयान देते हुए कहा कि राहुल गांधी के पूर्वजों ने बाबा साहब के साथ बहुत अन्याय किया है। सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म पर भी बीजेपी लगातार प्रचार कर रही है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती पर 14 अप्रैल को राष्ट्रीय समरसता दिवस घोषित किया। 

बीजेपी नेता अपने बयानों में कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष जीतू पटवारी तथा अन्‍य नेताओं पर भी हमलावर है। कांग्रेस में गुटबाजी को लेकर दिए गए बयान पर बीजेपी ने कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष को घेरा। बीजेपी प्रवक्‍ता प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बीच मतभेद को उजागर करने में जुटे रहते हैं। जबकि कांग्रेस लगातार बता रही है कि आरएसएस और बीजेपी नेताओं को संविधान पसंद नहीं है और वे लगातार संविधान को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। अगले कुछ दिनों में जुबानी जंग और तेज होगी तथा रैलियों के पहले बयानों अधिक कड़वे होना तय है। 

वीडी शर्मा की प्रशंसा, भूपेंद्र सिंह का डर या ... 

कल तक जो ईंट का जवाब पत्‍थर से देने के इरादे जता रहे थे वे अचानक सरेंडर की मुद्रा में आ जाएं तो अचरज होना स्‍वाभाविक है। कभी मध्‍य प्रदेश के सत्‍ता केंद्र में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले पूर्व मंत्री तथा सागर के खुरई से विधायक भूपेंद्र सिंह के साथ यही आश्‍चर्य घट रहा है। पिछले कई माह से भूपेंद्र सिंह बगापती तेवर अपनाए हुए हैं। कभी वे मुख्‍यमंत्री का कार्यक्रम छोड़ कर चले जाते हैं तो कभी मुख्‍यमंत्री के कार्यक्रम के समानांतर सामाजिक कार्यक्रम आयोजित कर देते हैं। कभी कांग्रेस से आए नेताओं को न स्‍वीकारने की बात करते हुए संगठन को चुनौती देते हैं, तो कभी बुंदलेखंड की राजनीति में एकला चालो के नारे को बुलंद करते हैं। 

उनके बगावती तेवरों ने संगठन को कई बार संकट में डाला है लेकिन परिवहन घोटाले पर जब कांग्रेस ने उनकी भूमिका पर आरोप लगाया तो पहले तो उन्‍होंने अपना जुड़ाव सिद्ध होने पर राजनीति से संन्‍यास लेने की घोषणा की दी। जवाब में कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष जीतू पटवारी ने बतौर परिवहन मंत्री उनके हस्‍ताक्षर वाली नोटशीट जारी करते हुए पूछ लिया कि संन्‍यास कब ले रहे हैं। अपनी की पार्टी संगठन से वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे भूपेंद्र सिंह विपक्ष के निशाने पर हैं। 

इस तरह राजनीतिक रूप से बुरी तरह घिर चुके भूपेंद्र सिंह का एक भावुक पत्र सामने आया है। एक समाचार पत्र में "वीडी शर्मा पार्टी बन गएः भूपेन्द्र सिंह" शीर्षक से छपे समाचार पर स्‍पष्‍टीकरण देते हुए उन्‍होंने लिखा कि यह मेरे कहने का भाव यह कतई नही था और न ही मैने ऐसा अपने इंटरव्यू में कहा है। मैं पार्टी अध्यक्ष की बहुत आदर करता हूं। मैं यह भी कहूंगा कि आपके नेतृत्व में पार्टी को अभूतपूर्व सफलता मिली है। मध्यप्रदेश में आपके अध्यक्ष रहते हुए किए गए संगठन के कार्यों को पूरे देश में सराहा गया है। आप परिश्रम की पराकाष्ठा हैं।

भूपेंद्र सिंह यहीं नहीं रूके। उन्‍होंने लिखा कि अध्यक्ष के नाते एवं व्यक्तिगत रूप से भी वीडी शर्मा उनके नेता हैं और वे वीडी शर्मा का बहुत आदर करते हैं। मेरा तो जन्म भाजपा में हुआ है और मृत्यु भी भाजपा के झण्डे में लिपटकर होगी। मेरा सपना है कि मेरी अंतिम यात्रा भी भाजपा के झण्डे में लिपटकर निकाली जाए। 

राजनीतिक आकलन है कि चुनौती देने वाली भाषा अचानक ही प्रशंसा में तब्‍दील नहीं हुई है। असल में, संगठन ने भूपेंद्र सिंह को नजरअंदाज तो किया ही था, परिवहन घोटाले में उनकी भूमिका पर उठ रहे सवालों ने भी भूपेंद्र सिंह को परेशान कर दिया। कहा जा सकता है कि इस मामले पर सख्‍त कार्रवाई की आशंका को देखते हुए उन्‍होंने सुलह की राह पकड़ी और प्रदेश नेतृत्‍व की प्रशंसा में पत्र लिख कर अपनी निष्‍ठा जताने में देरी नहीं की। 

आखिर संजय पाठक किसके निशाने पर

राजनीतिक घटनाक्रमों की शृंखला में बीते सप्‍ताह एक और घटना ने सभी का ध्‍यान खींचा। मध्य प्रदेश समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री और विजयराघवगढ़ से वर्तमान भाजपा विधायक संजय पाठक पर सहारा ग्रुप की जमीन की धांधली करने का आरोप लगाया है। सपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज सिंह यादव ने दावा किया कि विधायक पाठक ने करीब 900 करोड़ रुपए कीमत की जमीन नियम के विरुद्ध औने-पौने दाम पर खरीदी है। भोपाल, जबलपुर, कटनी समेत प्रदेश के कई जिलों में सहारा ग्रुप की ये वही जमीनें हैं जिन्‍हें बेचकर सहारा के निवेशकों को पैसे मिलने थे।

मुद्दा सहारा में निवेशकों के पैसे से जुड़ा है इसलिए महत्‍वपूर्ण है लेकिन इसे उठाने के समय की अपनी राजनीतिक महत्‍ता है। बीजेपी में प्रदेश अध्‍यक्ष चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। जातीय समीकरणों को देखते हुए ब्राह्मण अध्‍यक्ष वीडी शर्मा के स्‍थापन्‍न के रूप में फिर से किसी ब्राह्मण नेता की ताजपोशी की संभावना पर काम किया जा रहा है। ऐसे समय में अध्‍यक्ष बनने की दौड़ में शामिल सारे नेता किसी न किसी के निशाने पर हैं। अचानक प्रेस कांफ्रेंस कर यह आरोप लगाने का लक्ष्‍य संजय पाठक की घेराबंदी करना माना जा रहा है। अब यह संगठन पर निर्भर करेगा कि वह इन आरोपों को तवज्‍जो देता है या अपनी रणनीति के अनुसार प्रदेश अध्‍यक्ष तय करता है। 
  
शर्म आना चाहिए आपको...

राजनीति में जासूसी पुराना हथकंडा रहा है। इनदिनों मोबाइल फोन की व्‍यापकता के कारण वायरल वीडियो और ऑडियो नेताओं की मुसीबत बने हुए हैं। अपनी राजनीति के लिए संचार साधनों दुरुपयोग करने के मामलों के बीच प्रदेश के स्वास्थ्य राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल की एक हिदायत चर्चा में हैं। अपने क्षेत्र में गए मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने मंच से बीजेपी कार्यकर्ताओं को फटकारते हुए कहा कि अपने गिरेबां में झांको कि तुम लोग क्या हो और क्या कर रहे हो। कभी किसी कार्यकर्ता का फोन टेप करवाते हो, बाजार में सुनाते हो। और अपने आपको कार्यकर्ता बोलते हो... शर्म आना चाहिए आपको।

वायरल वीडियो में मंत्री के तेवर देख समझा जा सकता है कि फोन टेप कर बातों को वायरल करना बीजेपी की अंदरूनी राजनीति में कितना घमासान मचा रहा है। सागर में विधायक भूपेंद्र सिंह ने भरी बैठक में आरोप लगाया था कि पुलिस बीजेपी नेताओं के फोन टेप पर कर रही है। हालांकि एसपी ने इन आरोपों को खारिज किया था लेकिन पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के आरोपों को हल्‍के में नहीं लिया जा सकता है। दो प्रमुख नेताओं के फोन टैपिंग को लेकर कई गई ये बातें बीजेपी की राजनीतिक तिकड़मों की पोल खोल रहे हैं।