कंधे पर गैंती लेकर हेलीकॉप्टर से उतरे सीएम शिवराज, कांग्रेस ने कैमराजिवी कहकर ली चुटकी

हेलिकॉप्टर से नीचे उतरने के बाद भी सीएम शिवराज सिंह चौहान गैंती अपने हाथ में लेकर ही लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हैं, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।

Updated: Feb 27, 2023, 03:56 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने हेलिकॉप्टर से उतरते हुए अपने हाथ में गैंती (खेती करने का औजार) लिया हुआ है। हेलिकॉप्टर से नीचे उतरने के बाद भी सीएम शिवराज गैंती अपने हाथ में लेकर ही लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हैं, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इस पर खूब चुटकी ले रहे हैं।

दरअसल, शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के झाबुआ में हलमा उत्सव कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। हलमा समाज श्रमदान से जुड़ी हुई ऐसी परंपरा है जो जनजातीय क्षेत्रों में उत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीएम पहुंचे थे, जहां उनका एक अलग ही अंदाज देखने को मिला। हेलिकॉप्टर से उतरते हुए उनके कंधे पर गैंती थी।

गैंती लेकर हेलीकॉप्टर से उतरने की सीएम शिवराज सिंह की तस्वीर पर कांग्रेस ने तंज कसा है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने उन्हें कैमराजीवी कहा। शर्मा ने एक ट्वीट में लिखा, "कैमराजीवी आदत से मजबूर, गैंती-फावड़ा लेकर फोटोशूट कराने के लिए आज किसान बने हैं।"

सोशल मीडिया यूजर्स सीएम चौहान पर निशाना साध रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि देश के लिए ये एक अलग विषय है। जनता त्रस्त है और ये मजाक कर रहे हैं। जनता के पैसे से हेलिकॉप्टर पर घूम रहे हैं और जनता के पास ना नौकरी है और ना खाना। एक अन्य यूजर ने लिखा कि मोदी जी की वजह से अब गरीब किसान हेलीकॉप्टर से खेती करने जाते हैं। श्याम नारायण नाम के यूजर ने लिखा कि हेमा मालिनी भी हेलीकॉप्टर से फसल काटने निकली थीं। अब ये खेत की जुताई करने निकल गए हैं।

सीएम चौहान ने गैंती वाला वीडियो ट्वीट कर कहा कि, "हलमा परमार्थ की अद्भुत परम्परा है। पूरा गांव मिलकर खेती में सहायता कर रहा है, एक आव्हान पर कुआं खोद रहा है। हलमा' हमारे जनजाति समाज की विशेष परंपरा है। यह जल संरक्षण और प्रकृति सेवा का सामूहिक संकल्प है। इसमें परमार्थ का पुण्य भाव निहित है। मैंने भी हलमा के अवसर पर झाबुआ के हाथीपावा क्षेत्र की पहाड़ी पर जनजातीय भाई-बहनों के साथ श्रमदान कर जल संरक्षण व पौधरोपण के लिए आह्वान किया।"