उपचुनावों में सभी सीटें जीतने वाली है कांग्रेस, 45 फीसदी जनता कांग्रेस के साथ: सर्वे
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर उपचुनावों को लेकर सर्वे साझा किया है, जिसके मुताबिक 45 फीसदी लोगों का मानना है कि कांग्रेस सभी सीटें जीतेगी, वहीं महज़ 25 फीसदी लोगों की नज़र में बीजेपी सभी सीटें जीत सकती है

भोपाल। मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनावों का बिगुल बज चुका है। लेकिन उपचुनावों से ठीक पहले हुए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि सभी सीटें कांग्रेस के पाले में जा सकती है। जबकि सर्वे के मुताबिक उपचुनावों में बीजेपी के हालात चिंताजनक हैं। बीजेपी कांग्रेस के मुकाबले काफी पिछड़ती हुई दिख रही है।
हिंदी के एक प्रमुख अख़बार द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक 45 फीसदी लोगों का यह मानना है कि कांग्रेस लोकसभा की एक और विधानसभा की तीनों सीटों पर उपचुनाव जीत सकती है। जबकि महज 25 फीसदी लोगों की राय में बीजेपी चारों सीटें जीत सकती है। जबकि महज 17 फीसदी लोगों की राय में बीजेपी एक लोकसभा और दो विधानसभा सीट पर उपचुनाव जीत सकती है।
एमपी कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस सर्वे को साझा करते हुए कहा है कि अभी तो बस यह शुरुआत है। जनता महंगाई, बेरोजगारी, उखड़ी सड़क, महंगी और गुल रहती बिजली बिल, बढ़ते अपराध, बीजेपी नेताओं के घोटाले और शिवराज की झूठी घोषणाओं से त्रस्त है।
दैनिक भास्कर के सर्वे में कांग्रेस विजयी,
— MP Congress (@INCMP) September 30, 2021
—45% लोगों ने कहा -उपचुनाव की सभी सीटें कांग्रेस जीतेगी।
शिवराज जी,
अभी तो शुरूआत है,
जनता महंगाई, बेरोज़गारी, उखड़ी सड़क, महंगी और गुल रहती बिजली, बढ़ते अपराध, बीजेपी नेताओं के घोटाले और आपकी झूठी घोषणाओं से त्रस्त है।
“शवराज सरकार” pic.twitter.com/b2OfPzj0qC
मध्य प्रदेश में कुल चार सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान होने हैं। इनमें विधानसभा की तीन सीटें जबकि एक खंडवा लोकसभा सीट है। जिन तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव की सीट रिक्त है। यह सीटें क्रमशः कलावती भूरिया(कांग्रेस), बृजेंद्र सिंह राठौर (कांग्रेस) और जुगल किशोर बागरी(बीजेपी) के निधन के बाद खाली हुई हैं। जबकि खंडवा की लोकसभा सीट नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद रिक्त हुई है।
2023 में प्रदेश में होने वाले उपचुनावों से पहले यह उपचुनाव बेहद अहम माने जा रहे हैं। इन चुनावों को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि खुद सीएम शिवराज उपचुनाव से पहले चुनावी क्षेत्रों में दौरों की शुरुआत कर चुके हैं।
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सूत्रों के मुताबिक केंद्र लगातार सीएम शिवराज को सीएम के पद से हटाने की कोई एक ठोस वजह ढूंढ रहा है। यही वजह है कि यह उपचुनाव न सिर्फ विधानसभा चुनावों से पहले का सेमीफाइनल है, बल्कि सीएम शिवराज की कुर्सी भी इन उपचुनावों में दांव पर लगी हुई है।