मध्य प्रदेश में सरकारी डॉक्टर्स का प्रदर्शन आज से शुरू, 25 फरवरी से चरमरा सकती हैं स्वास्थ्य सेवाएं
चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीया ने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के 52 जिला अस्पतालों, कम्युनिटी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है।

भोपाल। मध्य प्रदेश में शासकीय डॉक्टरों ने गुरुवार से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है। राज्यभर में करीब 15 हजार सरकारी डॉक्टर अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टरों ने एकजुट होकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने का ऐलान किया है।
राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-2 के सामने हुई, जहां डॉक्टर्स ने विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में मेडिकल ऑफिसर्स, चिकित्सा शिक्षक, चिकित्सक और जूनियर डॉक्टर शामिल रहे। चिकित्सक महासंघ ने अपनी प्रमुख मांगों में उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित उच्च स्तरीय समिति का गठन, कैबिनेट से पारित DACP और NPA का सही क्रियान्वयन, सातवें वेतनमान का वास्तविक लाभ और चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने जैसी मांगें शामिल की हैं।
डॉक्टरों ने सरकार से जल्द से जल्द इन मुद्दों पर निर्णय लेने की मांग की है, अन्यथा आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी है। चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीया ने बताया कि यह आंदोलन प्रदेश के 52 जिला अस्पतालों, कम्युनिटी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है।
डॉ. मालवीया ने कहा कि यह आंदोलन किसी नई मांग को लेकर नहीं है। हमारी पुरानी मांगें आज भी वैसी ही बनी हुई हैं। इनमें से कुछ मांगों पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आदेश भी जारी किए जा चुके हैं, लेकिन उनका क्रियान्वयन अभी तक नहीं हुआ है। इसके अलावा, कैबिनेट से पारित DACP का भी डॉक्टरों को पूरा लाभ नहीं मिला है। सरकार को इन सभी मुद्दों पर जल्द निर्णय लेना चाहिए और आदेश जारी करने चाहिए, जिससे हमारा आंदोलन समाप्त हो सके। हमारा मकसद केवल न्याय पाना है, आंदोलन करना नहीं।
बताया जा रहा है कि 21 फरवरी तक सभी डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इसके बाद 22 फरवरी को आधे घंटे कार्यस्थल के बाहर टोकन विरोध प्रदर्शन होगा, लेकिन इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी। साथ ही चिन्हित अस्पतालों में अमानक दवाओं की होली जलाई जाएगी। 24 फरवरी की प्रदेशव्यापी सामूहिक उपवास कर अन्न व जल त्याग कर एक घंटे कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान इमरजेंसी सेवा चालू रहेगी, लेकिन 25 फरवरी को डॉक्टर प्रदेशव्यापी काम बंद आंदोलन करेंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं।