दिल्ली में PM से मिलेंगे शिवराज, सौंपेंगे रिपोर्ट कार्ड, सियासी अटकलों का दौर शुरू

सीएम शिवराज और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि पिछले तीन महीनों में पीएम मोदी और सीएम शिवराज के बीच यह दूसरी बैठक होने जा रही है

Publish: Sep 30, 2021, 03:48 AM IST

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज एक बार फिर दिल्ली जा रहे हैं। मुख्यमंत्री का दिल्ली दौरा खास इसलिए है क्योंकि आज उनकी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात होनी है। प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर शिवराज अपनी सरकार का रिपोर्ट कार्ड सौंपने वाले हैं। लिहाज़ा मध्य प्रदेश में एक बार फिर सियासी अटकलों ने ज़ोर पकड़ना शुरू कर दिया है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम के बीच यह मुलाकात शाम करीब चार बजे होनी है। इसके लिए सीएम भोपाल से बारह बजे ही रवाना हो जाएंगे। दिल्ली पहुंच कर सीएम प्रधानमंत्री को मध्य प्रदेश में केंद्रीय योजनाओं की मौजूदा प्रगति, कृषि क्षेत्र में नवाचार और प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर शुरू किए गए जनकल्याण और सूरज अभियान की जानकारी भी उन्हें दी जाएगी। 

लेकिन इस रिपोर्ट कार्ड के परे सबसे ज्यादा चर्चा मध्य प्रदेश की सियासी सुगबुगाहट को लेकर है। मध्य प्रदेश में नेतृत्व में फेरबदल होने की आशंका इसलिए भी तेज हो गई है, क्योंकि बीते तीन महीनों में यह दूसरी बार है जब सीएम शिवराज प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं। इससे पहले दोनों के बीच 16 जून को मुलाकात हुई थी। 

सीएम शिवराज और पीएम मोदी की इस मुलाकात को पिछले हफ्ते के सीएम के दिल्ली दौरे से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले हफ्ते पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा तलब किए जाने के बाद जब सीएम दिल्ली पहुंचे थे, तब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कहा था कि जल्द ही मध्य प्रदेश को नया सीएम मिलने वाला है। 

राजनीतिक विश्लेषक यह मानते हैं कि केंद्र सीएम शिवराज को दो कारणों की वजह से हटाना चाहता है। पहला कारण यह है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मोदी सरकार की जो किरकिरी हुई, उसमें उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक भूमिका मध्य प्रदेश की थी। जून महीने में योगी आदित्यनाथ को भी दिल्ली तलब किया था, लेकिन चूंकि उत्तर प्रदेश में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए उनकी कुर्सी बच गई। 

सीएम शिवराज को हटाने के पीछे एक बड़ा कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बीच पुराना मनमुटाव है। प्रधानमंत्री मोदी के पीएम बनने से पहले भाजपा में जो मोदी विरोधी गुट था, सीएम शिवराज उसका हिस्सा थे। यह गुट इसी इंतजार में था कि किसी तरह से बीजेपी पूर्ण बहुमत हासिल करने से पिछड़ जाए। जिसके बाद घटक दल नरेंद्र मोदी के नाम पर राज़ी नहीं होंगे। और मोदी विरोधी गुट के बाकी नेताओं के लिए पीएम पद के दरवाजे बराबर बराबर खुल जाएंगे। 

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लेकिन बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलते ही सीएम शिवराज सहित बीजेपी में मोदी विरोधी गुट के नेताओं के अरमान पर पानी फिर गया। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही सीएम शिवराज की सीएम की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा। केंद्र में सीएम शिवराज तक कृषि मंत्री बनने का ऑफर पहुंचाया गया। लेकिन तमाम राजनीतिक समीकरणों को साधने के बाद सीएम दिल्ली की इस चाल से बच कर निकल गए। 

लेकिन अब हालात जुदा हैं। बीजेपी के भीतर मोदी विरोधी गुट अब लगभग निष्क्रिय है। मध्य प्रदेश में खुद प्रह्लाद पटेल जैसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाते हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस साल के अंत तक मौजूदा सीएम की कुर्सी पर गाज गिर सकती है।