झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की जगह प्रशिक्षण दे प्रशासन, कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े की मांग

कांग्रेस विधायक ने कहा है कि कोरोना के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में भय का माहौल व्याप्त है, लोग ज़िला अस्पताल में इलाज के लिए नहीं जा रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की जगह उनको बतौर स्वास्थ्य कर्मी उपयोग में लाया जाए

Updated: May 11, 2021, 08:29 AM IST

Photo Courtesy: TV 9
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भोपाल। हाल ही में आगर मालवा में झोलाछाप डॉक्टरों पर हुई कार्रवाई के सिलसिले में कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े ने स्थानीय कलेक्टर को पत्र लिखा है। कांग्रेस विधायक ने कलेक्टर को सुझाव दिए हैं और मांग की है कि ग्रामीम इलाकों के अप्रशिक्षित डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की बजाय बेहतर यही होगा कि प्रशासन उन्हें प्रशिक्षित करें और कोरोना से लड़ने में उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों के बतौर उपयोग में लाए।

आगर मालवा से विधायक विपिन वानखेड़े ने कलेक्टर से कहा है कि इस समय ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के कारण भय का माहौल व्याप्त है। इसलिए लोग ज़िला अस्पताल में अपना इलाज तक करवाने नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस विधायक ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों में अधिक भरोसा होता है। इसलिए ज़रूरी है कि प्रशासन इन पर कार्रवाई करने की जगह इन्हें प्रशिक्षित करे। 

वानखेड़े ने अपने पत्र में सुझाव देते हुए कहा है कि झोलाछाप डॉक्टरों को कोरोना संबंधित इलाज के बारे में प्रशिक्षित करना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें तमाम ज़रूरी दवाईयां भी मुहैया कराई जानी चाहिए। कांग्रेस विधायक ने कहा है कि झोलाछाप डॉक्टरों के साथ साथ पंचायत सचिव, पटवारी सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई जानी चाहिए। वानखेड़े ने कहा है कि झोलाछाप डॉक्टरों की गांव में रहने की समय सीमा भी निर्धारित की जानी चाहिए। 

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दरअसल हाल ही में आगर मालवा में संतरे के पेड़ के नीचे मरीजों का इलाज किया जा रहा था। पेड़ पर ही सलाइन लगाकर ग्रामीण इलाकों के अप्रशिक्षित डॉक्टर इलाज कर रहे थे। इसकी सूचना मिलने कर प्रशासन ने फौरन ही झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई कर दी। विपिन वानखेड़े का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जितना भय कोरोना से है, उतना ही झोलाछाप डॉक्टरों को प्रतिबंधित किए जाने से हुआ है। लोग के इलाज के भाव में घुटन महसूस कर रहे हैं।