ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने से कांग्रेस पार्टी में बढ़ी एकता और शांति: दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश में ऐसे दल भी हैं जो भाजपा की मदद के लिए चुनाव लडेंगे, उसमें बसपा, एआईएमआईएम, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल हैं

Updated: Apr 13, 2023, 04:22 PM IST

भोपाल। कांग्रेस के कद्दावर नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इन दिनों बुंदेलखंड क्षेत्र के दौरे पर हैं। गुरुवार को सिंह ने सागर में प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिंधिया के जाने से कांग्रेस पार्टी में शांति और एकता आयी है, जबकि अशांति और अनेकता सिंधिया के साथ ही अब भाजपा में चली गई है। इस दौरान उन्होंने बसपा, एआईएमआईएम, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया।

मीडिया को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, 'ये वर्ष हमलेगों के लिए... पूरे देश के लिए राजनीतिक रूप से बेहद अहम है। विशेषकर उन राज्यों के लिए जहां इस साल विधानसभा चुनाव हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच चुनाव है। लेकिन यहां ऐसे दल भी हैं जो भाजपा की मदद के लिए और कांग्रेस का वोट काटने के लिए चुनाव लडेंगे। इनमें बीएसपी, एआईएमआईएम, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी शामिल है।'

सिंह ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश का जहां तक सवाल है, बीजेपी का 2003 का घोषणापत्र उठाकर देख लीजिए उसमें कितने उनके वादे पूरे हुए पिछले 20 साल में। साढ़े 18 साल भाजपा की सरकार रही। अब जब चुनाव निकट आ गया तो ये नई-नई योजनाएं ला रहे हैं। साढ़े अठारह साल में लाडली बहना का याद नहीं आया। 2003 तक हमारी सरकार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देती थी, लेकिन भाजपा की सरकार ने उसे भी बंद कर दिया।'

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सिंह ने आगे कहा, 'केवल लच्छेदार भाषण देना और नाटक नौटंकी करना यही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ट्रेडमार्क हो गया है। भाजपा से धीरे-धीरे लोगों का भरोसा भी उठने लगा है। भाजपा और बजरंग दल के बीस लोग ISI के लिए जासूसी करते  पकड़े गए थे। पैसा लेकर वे पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे। उनमें भाजपा आईटी सेल के अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना, बजरंग दल सतना का अध्यक्ष बलराम सिंह शामिल थे। लेकिन इनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा नहीं चला। जमानत हो गई। छोटे छोटे प्रकरण में लोगों को जेल भेज देते हैं, ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।'

सिंह ने कहा, 'ये शिवपुराण है। अब मोदी पुराण सुन लीजिए। मोदी जी किसी खिलाड़ी के उंगली में चोट लग जाए तो बयान जारी करते हैं। लेकिन कुछ लोग खुलेआम भड़काऊ भाषण दे रहे हैं, वैमानस्ता फैला रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ एक शब्द नहीं बोलते। राहुल गांधी ने देश में चार हजार किलोमीटर की यात्रा की। उनका संदेश था नफरत छोड़ो भारत जोड़ो। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलो।' सिंह ने अडानी गेट कांड का जिक्र करते हुए कहा, 'हिंडनबर्ग रिपोर्ट आई तो अडानी के शेयर गिरकर चार हजार से 12 सौ पर आ गया। लेकिन इसपर कोई प्रश्न पूछे तो प्रधानमंत्री उसे संसद में विलोपित कर देते हैं? आखिर क्या कारण है? हम प्रश्न पूछ रहे हैं। हम मांग कर रहे हैं की जेपीसी का गठन होना चाहिए।'

सिंह ने कहा, 'चीन बॉर्डर पर संघर्ष चल रहा है। चीन ने भारतीय भूमि पर कालोनियां बना ली है। उसके वीडियो भी आ गए, लेकिन उसकी चर्चा नहीं है। डिफेंस सेक्टर में जो कंपनी काम कर रही है, उसके डायरेक्टर चीनी हैं। इसपर सवाल पूछो तो जवाब नहीं मिलता। देश के आर्मी चीफ, रक्षा मंत्री सब बोल रहे की चीन ने कब्जा कर लिया। मोदी जी कहते हैं ना कोई आया ना किसी ने कब्जा किया। यही बात चीन भी कह रहा है। यानी आप चीन को सही और आर्मी को गलत बता रहे हैं।'

सिंह ने मौजूदा हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, 'देश में जिस तरह से हालात बिगड़ रहे हैं, संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। आज देश में एक गांधी का विचारधारा है जो सत्य और अहिंसा की बात करता है, एक आरएसएस का विचारधारा है जो धर्म के नाम पर लोगों में वैमानस्त फैलाता है। इसी मुद्दे पर साल 2024 का लोकसभा चुनाव लडा जाएगा।' सिंधिया को लेकर एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि उनके जाने से कांग्रेस में शांति और एकता आई है। अशांति और अनेकता उनके साथ ही भाजपा में चली गई।'

विंध्य पार्टी के गठन को लेकर सिंह ने कहा कि, 'नारायण त्रिपाठी हमारे मित्र हैं, लड़ाकू व्यक्ति हैं। वे पहले सपा में रहे, कांग्रेस में भी रहे फिर भाजपा में गए। वे विंध्य के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन ये चुनाव विंध्य प्रदेश का नहीं मध्य प्रदेश का हो रहा है।' पीएम मोदी द्वारा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने पर सिंह ने कहा कि अब तक वे किसका इंतजार कर रहे थे? सिंधिया को लेकर एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि, 'साल 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से 114 लोग विधायक बनकर आए थे। इसमें 17 सिंधिया के समर्थन में थे और 97 उनके खिलाफ थे। जिसके पास ज्यादा विधायकों का समर्थन था वो मुख्यमंत्री बना।'

शिवराज सरकार द्वारा लगातार कर्ज लिए जाने को लेकर सिंह ने कहा कि, 'जब कांग्रेस की सरकार गई थी तो मध्य प्रदेश पर महज 26 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था। आज यह बढ़कर पौने चार लाख करोड़ रुपए हो गया है। केंद्र की मोदी सरकार ने साढ़े 12 लाख करोड़ रुपया बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया। लेकिन किसानों का एक भी रूपया माफ नहीं हुआ। गरीबों का एक भी रुपया माफ नहीं हुआ।'