वेतन नहीं मिलने से नाराज कर्मचारी ने फैलाई मॉल में बम होने की अफवाह, भोपाल के C-21 मॉल में मची अफरातफरी

C-21 मॉल में बम होने की झूठी अफवाह फैलाने वाले मॉल के कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कर्मचारी वेतन नहीं मिलने से परेशान था।

Publish: Aug 12, 2023, 02:55 PM IST

Image courtesy- Makewell
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शहर के होशंगाबाद रोड स्थित C 21 मॉल के कर्मचारी ने मॉल के अंदर बम होने की अफवाह फैला कर मॉल में हड़कंप मचा दिया। शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे मॉल के लैंड लाइन नंबर से विजय नगर थाने में कर्मचारी ने फोन कर मॉल में बम होने की सूचना दी थी। पुलिस ने कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उससे पुछताछ की तो पता चला कि मॉल ने उसकी एक महीने की सैलरी रोक ली थी जिस कारण उसने यह अफवाह फैलाई।


दरअसल शहर के सी-21 मॉल में काम करने वाले धीरज नगर निवासी निशीत पाल (38) ने पुलिस को फोन कर मॉल के अंदर बम होने की सूचना दी थी। मौके पर पहुंची विजय नगर थाने की पुलिस ने मॉल में लोगों की आवाजाही रोककर बम नरोधक दस्ते की सहायता से पूरे मॉल में सर्चिंग करना शुरू किया लेकिन उन्हें कोई बम नहीं मिला। तब पुलिस ने मॉल के लैंड लाइन नंबर से फोन कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान की तो उन्हें निशीत पाल के बारे में पता चला। पुलिस ने उसे खोजा तो वह मॉल के बाहर खड़ा मिला। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पुछताछ की तो उसने पुलिस को बताया कि मॉल में 2 महीने काम करने के बाद उसे केवल एक महीने की सैलरी दी गई है, जिस कारण वह काफी परेशान था। 


टीआई रवींद्र गुर्जर ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 1.35 बजे उन्हें मॉल के लैंड लाइन नंबर से फोन आया था कि सी-21 मॉल में बम रखा है, जो जल्द फटने वाला है। बम की सूचना पर मॉल के मैनेजर को फोन कर लोगों की आवाजाही पर रोक लगवाई और बम निरोधी दस्ता पूरे मॉल में सर्चिंग करने लगा। लोगों को आकस्मिक चेकिंग होना बताकर शांति से बाहर निकाला गया। इधर जांच में फोन करने वाले निशीत पाल को ट्रेस किया तो वह मॉल के बाहर डायल 100 वैन के पास दो बच्चों के साथ खड़ा मिला। पूछताछ में निशीत ने बताया की दो महीने काम करने पर एक महीने का वेतन रोक लिया और उसके ढाई हजार रुपए भी बाकी थे। जिससे वह परेशान था इसलिए उसने मॉल वालों को परेशान करने के लिए झूठी सूचना दी थी। पुलिस ने उसकी आर्थिक स्थिति व मासूम बच्चों को देखकर उसे जमानत पर छोड़ दिया।