Gopal Bhargava : मालदार विभाग पर BJP को खरी खरी
BJP Politics : Shivraj Singh Chouhan सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा पार्टी में नीचे तक के कार्यकर्ताओं में नहीं जा रहा है अच्छा संदेश

मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने मंत्रिपदों के बंटवारे के बाद मंत्रालयों के लिए 'मालदार' शब्द पर बीजेपी को खरी खरी सुनाई है। पीडब्ल्यूडी मंत्री भार्गव ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा है कि मंत्रिपद आवंटन होने के बाद से ही न्यूज़ चैनल व अखबार पर मंत्रालयों के लिए 'मालदार' शब्द का प्रयोग किया जा रहा है। यह 'मालदार' शब्द भी पहली बार इस नए दौर की राजनीति में प्रविष्ट हुआ है ।
नव विस्तारित मंत्रिमंडल के सदस्यों को विभागों के वितरण पश्चात दो दिन से हर अखबार और चैनल पर देख रहा हूँ कि भाजपा कोटे से इतने मंत्री और सिंधिया कोटे से इतने तथा इतनों को "मालदार विभाग"। यह 'मालदार' शब्द भी पहली बार इस नए दौर की राजनीति में प्रविष्ट हुआ है ।
— Gopal Bhargava (@bhargav_gopal) July 15, 2020
गोपाल भार्गव ने कहा है कि ' मेरे हिसाब से इस तरह की शब्दावली का उपयोग बंद होना चाहिए। अपने 40 वर्षों के राजनीतिक जीवन में कभी इस तरह की शब्दावली का उपयोग होते नहीं देखा।
मैं सोचता हूँ कि राजनीति में यह शब्दावली बंद होना चाहिए, क्योंकि मैंने अपने 40 वर्षों के राजनैतिक जीवन में माननीय #पटवा जी, @umasribharti जी, गौर जी, @ChouhanShivraj जी के पूरे मुख्यमंत्रित्व काल मे इस प्रकार की परिस्थितियाँ और शब्दों का प्रयोग कभी नहीं देखा है।
— Gopal Bhargava (@bhargav_gopal) July 15, 2020
पार्टी को समय रहते सचेत होने की ज़रूरत
बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने कहा है कि बीजेपी को समय रहते सचेत होने की आवश्यकता है। रहली विधायक गोपाल भार्गव के मुताबिक़ पार्टी के बाहर सिंधिया गुट और भाजपा गुट अलग अलग दिखने से पार्टी के ज़मीनी कार्यकर्ताओं के बीच सही सन्देश नहीं जा रहा है। जिस वजह से पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है।
सभी संबंधित लोग इस पर तनिक गंभीरता से विचार करें तो पार्टी हित में होगा क्योंकि अब तो सभी लोग भाजपा परिवार के सदस्य और अभिन्न अंग हैं, फिर यह अलग अलग धाराएं क्यों ? मेरा यह भी मानना है कि इससे पार्टी के नीचे तक के कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।
— Gopal Bhargava (@bhargav_gopal) July 15, 2020
इसलिए समय रहते हुए हम सचेत हों जाएं तो सभी के लिए श्रेयस्कर होगा।
— Gopal Bhargava (@bhargav_gopal) July 15, 2020
जब हम जनसेवा और प्रदेश के विकास के लिए ही राजनीति और सार्वजनिक जीवन मे आये हैं तब ये मालदार और बिना मालदार विभाग जैसे शब्दों का प्रयोग उचित प्रतीत नहीं होता।
दरअसल शिवराज कैबिनेट में महत्वपूर्ण और ज़्यादा कमाई करने वाले राजस्व, खनिज व ऊर्जा विभाग सिंधिया खेमे के मंत्रियों के हिस्से गए हैं। 28 नए मंत्रियों में से 12 मंत्री सिंधिया खेमे से बनाए गए हैं। सिंधिया खेमे को सरकार में बीजेपी के पुराने नेताओं से ज़्यादा तरजीह दी गई है। इसे लेकर पार्टी के कई विधायक नाराज़ चाल रहे हैं। इसी तथ्य पर प्रकश डालते हुए भार्गव ने कहा है कि 'अब तो सभी लोग भाजपा परिवार के सदस्य और अभिन्न अंग हैं, फिर यह अलग अलग धाराएं क्यों? मेरा यह भी मानना है कि इससे पार्टी के नीचे तक के कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है।'