सिंहस्थ महाकुंभ में जमीन अधिग्रहण को लेकर बवाल, 17 गांवों के किसानों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

सरकार सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण के लिए 2378 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने की तैयारी में है, इसके विरुद्ध किसानों ने मोर्चा खोल दिया है।

Updated: Mar 06, 2025, 07:16 PM IST

उज्जैन। मध्य प्रदेश में साल 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर है। राज्य सरकार सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थाई निर्माण के लिए 2378 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने की तैयारी में है, इसके विरुद्ध किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। 17 गांवों के किसानों अधिग्रहण के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

दरअसल, सीएम मोहन यादव ने सिंहस्थ 2028 को देखते हुए सिंहस्थ मेला क्षेत्र को विकसित करने का प्लान तैयार किया है। सरकार का तर्क है कि इससे हर 12 साल में करोड़ों रुपए खर्च कर अस्थायी निर्माण नहीं बनाने पड़ेंगे। इसकी जगह स्थायी निर्माण किए जाएंगे। उज्जैन विकास प्राधिकरण इसके लिए 1806 किसानों की जमीन की लैंड पुलिंग करेगा।

वहीं, किसानों का कहना है कि ज़मीन अधिग्रहण से उनकी आजीविका प्रभावित होगी। वे अपनी जमीन छोड़ना नहीं चाहते। मंगलवार को किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों पर विचार करने का आग्रह किया। उनका विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। हालांकि, 17 गांवों के किसानों ने आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। 

किसानों ने कहा कि हम कुंभ के लिए जमीन देना चाहते हैं, लेकिन अस्थाई निर्माण के लिए। वे स्थाई निर्माण नहीं चाहते हैं। किसानों का कहना है कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीन का पुरानी योजना के तहत ही अधिग्रहण किया जाए। उनका तर्क है कि योजना से प्रभावित किसान की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में किसी भी प्रकार से सुधार नहीं होगा। उल्टे योजना से प्रभावित किसान पूरी तरह बर्बाद होकर बेघर हो जाएंगे। योजना किसान हित में नहीं होने से इसे तुरंत निरस्त किया जाए।

इससे पहले मंगलवार को 17 गांवों के सैकड़ों किसान आगर रोड स्थित सामाजिक परिसर में जमा हुए थे। किसान ट्रैक्टर रैली के जरिए लैंड पुलिंग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन देना चाहते थे। लेकिन इससे पहले ही भारी पुलिस बल के साथ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रशासनिक अनुमति नहीं होने की बात कहते हुए रैली को रोक दिया।

किसानों का कहना था कि हमें अपनी बात रखने से क्यों रोका जा रहा है। हमारी बात सुनने को प्रशासन तैयार नहीं है। हमें पूरा प्लान तक नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ के नाम पर किसानों की जमीन छीनने की कोशिश की जा रही है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। हम सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे।