इंदौर में शूर्पणखा दहन कार्यक्रम पर हाईकोर्ट की रोक, सोनम रघुवंशी समेत 11 महिलाओं के फूंके जाने थे पुतले

संगीता रघुवंशी ने कोर्ट को बताया कि विजयादशमी पर उनकी बेटी सोनम रघुवंशी का पुतला जलाने की तैयारी की जा रही है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना लोकतांत्रिक रूप से पूरी तरह से अस्वीकार्य होगा।

Updated: Sep 27, 2025, 04:19 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में विजयादशमी पर प्रस्तावित शूर्पणखा दहन कार्यक्रम पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यहां शिलांग हनीमून हत्याकांड की आरोपी सोनम रघुवंशी सहित अन्य 11 महिलाओं का दशहरे के दिन पुतला जलाने की तैयारी की जा रही थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ऐसा करना लोकतांत्रिक रूप से पूरी तरह से अस्वीकार्य होगा।

सोनम रघुवंशी की मां, संगीता रघुवंशी, ने इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उनका कहना था कि इस तरह की योजना न केवल उनकी बेटी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि यह पूरे परिवार की सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाती है। साथ ही, उन्होंने इसे महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला कदम बताया था।

याचिका में संगीता ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि कार्यक्रम का नाम "शूर्पणखा दहन" रखकर इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, जो अनुचित है और समाज में महिलाओं के प्रति एक नकारात्मक संदेश भेजता है। मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने आयोजकों को शूर्पणखा दहन कार्यक्रम पर रोक लगाने का आदेश दिया। अदालत ने माना कि इस तरह की गतिविधियां व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन कर सकती हैं और सामाजिक स्तर पर गलत संदेश दे सकती हैं।

कोर्ट के आदेश के बाद अब दशहरे के अवसर पर केवल पारंपरिक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले ही जलाए जाएंगे। बता दें कि इंदौर की 'पौरुष संस्था' द्वारा जबसे इस पुतला दहन की घोषणा की गई थी तभी से इसको लेकर विवाद शुरू हो गया था। लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई थीं। कुछ लोग जहां इसके समर्थन में थे, वहीं तमाम लोगों का इसको लेकर विरोध थे। 

राजा रघुवंशी के बड़े भाई विपिन रघुवंशी ने ‘शूर्पणखा दहन’ कार्यक्रम के पुतले पर घर की बहू सोनम की तस्वीर लगाए जाने का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि पौराणिक पात्र शूर्पणखा की तरह सोनम ने भी गलती की थी। दशहरे पर शूर्पणखा दहन कार्यक्रम में मेरा पूरा परिवार शामिल होगा। बहरहाल, अब उच्च न्यायालय ने इस विवादास्पद आयोजन पर रोक लगा दी है।