BJP Politics : डैमेज कंट्रोल के लिए लाल सिंह के घर गए नरोत्तम मिश्रा
दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में तकरीबन आधे घंटे तक बातचीत हुई, बातचीत से पहले उन्होंने बीजेपी के जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी को कमरे से बाहर भेज दिया

मध्यप्रदेश में आगामी उपचुनाव से पहले बीजेपी नेताओं में बढ़ता असंतोष पार्टी की मुसीबतें बढ़ा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों से सहित बीजेपी में आने ग्वालियर-चंबल संभाग के नेता नाराज हैं। वे ये बात पचा नहीं पा रहे हैं कि अब तक जिनका विरोध किया अब उनके साथ काम करना पड़ेगा। बीजेपी की मुसीबत भी यह है कि उप चुनाव में 24 में से 19 सीट ग्वालियर चंबल क्षेत्र की हैं। ऐसे में पार्टी नेताओं को समझाने का काम गृह व स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा कर रहे हैं। डैमेज कंट्रोल के लिए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इस महीने लगातार तीसरे रविवार को ग्वालियर पहुंचे।
ग्वालियर में पार्टी नेताओं का असंतोष दूर करने के क्रम में नरोत्तम मिश्रा ने रविवार रात पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य से उनके आवास पर मुलाकात की है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में तकरीबन आधे घंटे तक बातचीत हुई। बातचीत से पहले उन्होंने बीजेपी के जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी को कमरे से बाहर भेज दिया।
दरअसल, मध्यप्रदेश के 24 सीटों पर होने वाले चुनावों में सबसे ज्यादा 16 सीटें ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं। ऐसे में तीन महीने पहले बनी बीजेपी सरकार को बचाने के लिए ग्वालियर-चंबल संभाग सबसे ज्यादा अहम है। वहीं सिंधिया और उनके समर्थकों के बीजेपी में आने के बाद इसी संभाग के पुराने बीजेपी नेताओं में सबसे ज्यादा असंतोष उपजा है। बीजेपी के पुराने नेता अब पार्टी में सिंधिया समर्थकों के आने के बाद अपने सियासी करियर को लेकर असमंजस में हैं। ऐसे में अगर इन नाराज नेताओं को नहीं मनाया गया तो उपचुनाव में बीजेपी की खेल खराब हो सकती है।
टिकट कटने की आशंका से नाराज हैं लाल सिंह आर्य
रविवार को मिश्रा पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य से मिलने ग्वालियर पहुंचे थे। आर्य गोहद विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के परंपरागत उम्मीदवार रहे हैं। उन्होंने बीजेपी की टिकट से पांच बार चुनाव लड़ी है जिसमें तीन बार जीत हासिल की है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी रणवीर जाटव ने हराया था। सिंधिया समर्थक जाटव के अब बीजेपी में आने के बाद उपचुनाव में उनकी टिकट पक्की मानी जा रही है इसीलिए आर्य पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं। आर्य की ग्वालियर-चंबल संभाग में खासी पकड़ है। उनकी नाराजगी पार्टी को चुनाव में काफी नुकसान दिला सकती है। जिस तरह से बीजेपी नेता लगातार सिंधिया समर्थकों के आने के बाद पार्टी छोड़ रहे हैं ऐसे में बीजेपी आर्य को खोना नहीं चाहती है। गौरतलब है कि मिश्रा ने दो दिन पहले हीं आर्य से राजधानी भोपाल में मुलाकात की थी। ऐसे में स्थानीय पत्रकारों ने जब उनसे दुबारा मुलाकात करने के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने चुप्पी साध ली।
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सिंधिया तो सेटल हो गए बाकियों का क्या होगा?
कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि सिंधिया ने 22 विधायकों को बेचकर अपनी राज्यसभा सीट पक्की की है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने रविवार को अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, 'जयचंदो, तुम्हें बेंचकर वो तो सेटल हो गया, अब तुम्हारा क्या होगा..?' बीते दिनों प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी पूछा था कि कांग्रेस के 22 बागी विधायकों का बीजेपी में क्या होगा?