MP BJP: घर-घर जाकर मिन्‍नतें, घट नहीं रहा आक्रोश

MP Politics : ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और समर्थकों के आने से भाजपा के जमीनी नेता नाराज, मनाने का दौर जारी

Publish: Jun 09, 2020, 08:58 PM IST

Unlock 1 के साथ ही मध्‍य प्रदेश में राजनीतिक Lockdown भी खत्‍म हो गया है। फोकस 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव है। कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और उनके समर्थकों के कारण भाजपा अंदरूनी असंतोष झेल रही है। चुनाव के पहले इस डेमेज के कंट्रोल के लिए नाराज भाजपा नेताओं के घर जा कर मिन्‍नतें की जा रही है। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा, प्रदेश अध्‍यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत अपने ढंग से इस असंतोष को सामान्‍य करने का प्रयास कर रहे हैं मगर भाजपा नेताओं का असंतोष थम नहीं रहा है।

सोमवार को मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर में थे। यहां उनकी मौजूदगी में ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के समर्थक नेता प्रमोद टंडन ने भाजपा ज्‍वाइंन की। कांग्रेस शहर अध्‍यक्ष रहे प्रमोद टंडन को भाजपा में ला कर यह संदेश देने की कोशिश की गई कि पार्टी में सबकुछ सामान्‍य है। इन प्रयासों के दूसरी तरफ सोमवार को ही पूर्व मंत्री दीपक जोशी का असंतोष एक बार फिर सतह पर आया। जोशी ने दोहराया कि उनके लिए सभी विकल्प खुले हैं। वे इस बात से खफा हैं कि जिन लोगों ने उन्‍हें चुनाव हरवाया आज भाजपा में उनकी पीठ थपथपाई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दीपक जोशी ने यहां तक कह‍ दिया है कि वे पराक्रम करने वाले नेता हैं परिक्रमा करने वाले नहीं। अपने कार्यकर्ता के लिए तो लड़ना पड़ेगा। यह नैतिक जिम्मेदारी भी है।

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गौरतलब है कि नवंबर 2018 के विधानसभा चुनाव में हाटपिपल्या सीट पर दीपक जोशी कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चौधरी से चुनाव में पराजित हो गए थे। मनोज चौधरी अब भाजपा में आ चुके हैं और उन्‍हें टिकट देना तय हो गया है। पार्टी के इस बर्ताव पर दीपक जोशी ने कहा था कि यदि सम्मान नहीं दे सकते तो दुर्व्यवहार तो न करें। इसके बाद संगठन महामंत्री सुहास भगत और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उनसे भोपाल में चर्चा की थी। इस मुलाकात के बाद दीपक जोशी ने कहा था कि वे नाराज नहीं है।

भाजपा ने दीपक जोशी को चुनाव संचालन समिति में जगह दी है। मगर क्षेत्र में जाते ही उनका गुस्‍सा फिर उभर आया। असल में बरसों से जिनके खिलाफ लड़ते रहे उन नेताओं को भाजपा द्वारा तवज्‍जो देना पार्टी के कद्दावर नेताओं को रास नहीं आ रहा है। यही स्थिति ग्‍वालियर क्षेत्र की भी है। शिवराज सिंह चौहान की पिछली सरकारों में ‘संकट मोचक’ की उपाधि पाए मंत्री डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा ने रविवार को ग्‍वालियर के जमीनी नेता जयभान सिंह पवैया व पूर्व सांसद अनूप मिश्रा से घर जा कर मुलाकात की है। मगर ये नेता भी खुलकर अपनी नाराजगी जता रहे हैं। सोमवार को ही पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि बदली हुई परिस्थितियों में मूल कार्यकर्ता जो वर्षों से संघर्ष करता रहा, उसका आत्म सम्मान भी रहना चाहिए। यह चिंता पार्टी करे। जयभान सिंह पवैया सिंधिया परिवार की महल की राजनीति के मुखर विरोधी रहे हैं। उनके लिए ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के संग कार्य करना आसान नहीं है।

इधर, सांची क्षेत्र में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता डॉ. गौरीशंकर शेजवार भी नाराज है। यहां से कांग्रेस छोड़ कर आए डॉ.प्रभुराम चौधरी को भाजपा से टिकट देने की बात चल रही है। डॉ. प्रभुराम चौधरी खुद घर जा कर डॉ. शेजवार से मुलाकात कर चुके हैं मगर डॉ. शेजवार से पॉजिटिव संकेत नहीं दिए है। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निकटस्‍थ नेता और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह और भोजपुर विधायक सुरेंद्र पटवा ने भी डॉ. शेजवार से मुलाकात की है मगर यहां भी बात बनती दिखाई नहीं दे रही है।