MP का सबसे प्रदूषित शहर है ग्वालियर, यहां साल में 69 दिन खराब रहती है हवा: स्टडी रिपोर्ट

आईआईटी इंदौर की हालिया अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ग्वालियर, रीवा, भोपाल और इंदौर समेत प्रदेश के प्रमुख शहरों में पीएम 2.5 का स्तर तेजी से बढ़ा है।

Updated: Jan 06, 2025, 10:15 AM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश की 10 स्मार्ट सिटी में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। आईआईटी इंदौर की ताजा स्टडी में खुलासा हुआ है कि ग्वालियर, रीवा, भोपाल और इंदौर समेत प्रदेश के प्रमुख शहरों में पीएम 2.5 का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है।

ग्वालियर में साल में सबसे अधिक 69 दिन, रीवा में 64 दिन, भोपाल में 30 दिन और इंदौर में 20 दिन पीएम 2.5 का स्तर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के मानक से 5 से 9 गुना तक ज्यादा पाया गया। आईआईटी ने सैटेलाइट से मिले डाटा के आधार पर प्रदूषण की स्थिति का पता लगाया है।

स्टडी के मुताबिक, ग्वालियर में पीएम 2.5 का सालाना औसतन 44.77 µg/m³ (माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर) मिला, जो डब्ल्यूएचओ के मानक (5 µg/m³) से 9 गुना अधिक है। वहीं अधिकतम स्तर 177.85 µg/m³ तक पहुंच गया।

रीवा में 42.59 µg/m³ रहा, जबकि इंदौर में यह 24.99 µg/m³ दर्ज किया गया। भोपाल में भी प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है। इंदौर में सालभर में 20 दिन और भोपाल में 30 दिन प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया।

ये अस्थमा, सीओपीडी, ब्रोंकाइटिस के कारण बन सकते हैं। ब्लड सप्लाय पर असर डालते हैं और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाते हैं। गर्भावस्था में समय से पहले प्रसव और शिशु की मृत्यु के कारण भी बन सकते हैं।

आईआईटी इंदौर के प्रो. मनीष गोयल, रिसर्च स्कॉलर कुलदीप सिंह रौतेला और टीम ने सैटेलाइट डाटा और एआई मॉडल का उपयोग कर अध्ययन किया। ग्वालियर में कोयला फैक्ट्रियों और दिल्ली के प्रदूषण का सीधा असर दिखा। स्टडी में वर्ष 1980 से 2023 का अध्ययन किया गया। 20 साल पहले इन शहरों में प्रदूषित दिनों की संख्या 1-2 दिन थी।