IAS नियाज खान के सुझाव पर बिफरे BJP मंत्री सारंग, कहा- हैसियत से ज्यादा बड़ी बातें कर रहे

मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी नियाज खान ने द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को सुझाव दिया था कि वे फ़िल्म की कमाई के सारे पैसे कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर खर्च करें

Updated: Mar 22, 2022, 03:34 AM IST

भोपाल। बीजेपी नेताओं के चहेते फ़िल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को सुझाव देना मध्य प्रदेश के IAS अधिकारी नियाज खान को भारी पड़ गया है। मध्य प्रदेश कैडर के इस अधिकारी पर बीजेपी के बड़बोले नेताओं ने जुबानी हमला शुरू कर दिया है। मंत्री सारंग ने उनकी हैसियत बता दी है तो विधायक रामेश्वर शर्मा ने उन्हें मैदान में ललकारा है। उधर कांग्रेस पार्टी IAS नियाज खान के समर्थन में उतर गई है।

दरअसल, मध्य प्रदेश पीडब्ल्यूडी विभाग के उप सचिव नियाज खान ने ट्वीट कर विवादास्पद फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को कुछ सुझाव दिया था। खान ने लिखा कि, 'द कश्मीर फाइल्स' से 150 करोड़ की कमाई हो चुकी है। बहुत अच्छा है। लोगों ने कश्मीरी पंडितों की भावनाओं का बहुत सम्मान किया है। मैं फिल्म निर्माता का सम्मान करता हूं कि वो पूरी कमाई को कश्मीरी पंडितों के बच्चों की शिक्षा और उनके लिए घरों के निर्माण के लिये दे दें। यह एक महान दान होगा।' 

नियाज खान के इस ट्वीट पर फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने पलटवार करते हुए लिखा कि, ‘सर नियाज खान मैं 25 मार्च को भोपाल आ रहा हूं। मुझे मिलने समय दें, ताकि हम मिल सकें और विचारों का आदान-प्रदान कर सकें की हम कश्मीरी पंडितों की कैसे मदद कर सकते हैं और आप अपनी पुस्तकों की रॉयल्टी एवं आईएएस के रूप में अपने ओहदे के साथ कैसे उनकी मदद कर सकते हैं।' 

नियाज खान ने इसके पहले अन्य ट्वीट्स में लिखा था कि, 'कश्मीर फाइल्स पंडितों के दर्द को दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में महफूज रहने की अनुमति दी जाए। लेकिन फिल्म निर्माता को कई राज्यों में बड़ी तादाद में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी एक फिल्म बनानी चाहिए।' अधिकारी ने यह भी कहा कि वह इस मुद्दे पर एक पुस्तक लिखने की योजना भी बना रहे हैं ताकि 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्म की तरह किसी फिल्म निर्माता द्वारा अल्पसंख्यकों के दर्द को भारतीयों के सामने लाया जा सके। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इंसान और देश के नागरिक हैं, वे कोई कीड़े-मकोड़े नहीं हैं।' 

नियाज खान के ट्वीट्स वायरल होते बीजेपी नेताओं ने उन्हें टारगेट करना शुरू कर दिया। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने उन्हें मैदान में आने की चुनौती दे डाली। शर्मा ने एक ट्वीट थ्रेड में लिखा, 'चलिए 30 साल बाद ही सही पर आपने माना तो की कश्मीरी पंडितो-हिंदुओं के साथ अनन्य, अत्याचार, बर्बरता हुई। आपने माना तो इस्लामिक कट्टरवाद, जिहाद के लिए कैसे हिंदुओं को मिट्टी में मिलाने की सोच का उदाहरण पेश किया गया। यदि इस इस्लामिक कट्टरवाद को नही रोका गया तो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के लिए कितना घातक होगा, इस पर रिसर्च कर नॉवेल कोई आप जैसे IAS द्वारा तो निश्चित रूप से यह देश को आगाह करने के लिए कश्मीर फाइल्स से ज़्यादा कारग़र सिद्ध होगा।' 

शर्मा इतने पर नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा कि, 'IAS रहते हुए सिर्फ़ एक वर्ग के प्रति आपकी चिंता व्यक्त करना कहीं न कहीं UPSC के आचरण नियमों के विपरीत है। फिर भी आपको किसी वर्ग का रहनुमा बनने का शौक़ है तो नौकरी छोड़ कर मैदान में आइए। मैं मध्यप्रदेश सरकार से भी आग्रह करता हूँ की इनके कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जाए की देश में ऐसा कौन सा प्रांत है जहां मुसलमानो को मारा जा रहा है। एक बात और नियाज़ खान जी... मुस्लिमों के लिए कीड़ा मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त APJ अब्दुल कलाम साहब, अशफ़ाक़ुल्लाह खां, जैसे भी हुए हैं।' 

इस पूरे मामले पर सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि, 'IAS नियाज खान अपनी हैसियत से ज्यादा बोल रहे हैं। वो लाइम लाइट में आना चाहते हैं। अधिकारी को अपनी सीमाएं नहीं लांघनी चाहिए। नियाज खान का एजेंडा लोगों की समझ में आ रहा है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।' सारंग ने एक ट्वीट में आईएसएस अधिकारी पर अराजकता फैलाने का भी आरोप लगाया है। सूत्रों के मुताबिक राज्य की बीजेपी सरकार नियाज खान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की तैयारी भी कर रही है। 

उधर कांग्रेस ने नियाज खान का समर्थन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'नियाज खान का सुझाव अच्छा है। यदि द कश्मीर फाइल्स फ़िल्म की कमाई कश्मीरी पंडितों के बच्चों की पढ़ाई के लिए व उनके हित के लिए दी जाती है तो किसी को एतराज़ नहीं होना चाहिए।' कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने मंत्री सारंग को निशाने पर लेते हुए कहा कि वे किसी की हैसियत दिखाने वाले कौन होते हैं।

केके मिश्रा ने कहा कि, 'नियाज खान एक विचारक लेखक और अधिकारी हैं। उन्होंने ट्वीट पर अभिमत दिया है। नियाज खान ने अपने विवेक का परिचय दिया है, उनका स्वागत करना चाहिए। विश्वास सारंग एक IAS अधिकारी को हैसियत दिखाने वाले कौन हैं? इस धरती पर पैदा हुआ कोई भी इंसान कीड़ा मकोड़ा नहीं है। बीजेपी के संविधान में मुस्लिम कीड़े मकोड़े हो सकते हैं। बीजेपी नेता सिनेमाघरों के बहार गेटकीपर बनकर काम कर रहे हैं। इनकी क्या हैसियत थी? क्या सारंग सट्टा जुआ नहीं खिलवा रहे हैं।'