यह न्याय, समानता और बंधुत्व जैसे मूल्यों की जीत है, वक़्फ़ पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कांग्रेस ने किया स्वागत
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह आदेश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मूल कानून के पीछे छिपी विकृत मंशा को काफी हद तक निष्फल करता है।

नई दिल्ली। कांग्रेस ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम के कई प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने वाले सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया। कांग्रेस ने इसे न्याय, समानता और बंधुत्व के संवैधानिक मूल्यों की जीत बताया है। पार्टी ने कहा कि यह मूल कानून में निहित 'दुर्भावनापूर्ण इरादों' को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने बयान जारी कर कहा, 'वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश यह केवल उन दलों की जीत नहीं है ,जिन्होंने संसद में इस मनमाने क़ानून का विरोध किया था, बल्कि उन सभी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्यों की भी जीत है जिन्होंने विस्तृत असहमति (dissent) नोट्स प्रस्तुत किए थे। उन नोट्स को तब नज़रअंदाज़ कर दिया गया था, लेकिन अब वे सही साबित हुए हैं।'
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, 'यह आदेश इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मूल कानून के पीछे छिपी विकृत मंशा को काफी हद तक निष्फल करता है।विपक्षी दलों की ओर से पेश वकीलों ने दलील दी थी कि यह कानून ऐसी व्यवस्था बनाएगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति कलेक्टर के समक्ष संपत्ति की स्थिति को चुनौती दे सकेगा और मुकदमेबाज़ी के दौरान संपत्ति की स्थिति अनिश्चित बनी रहेगी। इसके अतिरिक्त, केवल वही व्यक्ति वक्फ़ में दान कर सकेगा जो पाँच वर्षों से 'मुसलमान' होने का सबूत दे सकेगा।'
जयराम रमेश ने आगे कहा कि इन धाराओं के पीछे की मंशा हमेशा स्पष्ट थी; मतदाता आधार को भड़काए रखना और ऐसा प्रशासनिक ढाँचा बनाना जो धार्मिक विवादों को हवा देने वालों को संतुष्ट कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश के ज़रिए कलेक्टर की शक्तियों पर रोक लगाई है। साथ ही मौजूदा वक्फ़ संपत्तियों को संदिग्ध चुनौतियों से बचाया है और पाँच वर्षों तक मुसलमान होने का सबूत माँगने वाली धारा पर तब तक रोक लगाई है जब तक इसके नियम नहीं बन जाते। उन्होंने कहा कि हम इस आदेश का स्वागत करते हैं क्योंकि यह न्याय, समानता और बंधुत्व जैसे संवैधानिक मूल्यों की जीत है।