MP: 81 आवेदनों की माला पहनकर 90 KM पैदल चला बुजुर्ग, स्कूल भवन के लिए प्रशासन से लगाई गुहार

उज्जैन जिले के ग्राम भड़ला में 13 वर्षों से स्कूल भवन न होने से आहत 79 वर्षीय अंबाराम परमार ने 81 आवेदनों की माला पहनकर 90 किमी पैदल चलकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर गुहार लगाई।

Updated: Dec 18, 2025, 06:57 PM IST

उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले से प्रशासनिक संवेदनहीनता को उजागर करती एक बेहद मार्मिक तस्वीर सामने आई है। नागदा तहसील के ग्राम भड़ला निवासी 79 वर्षीय अंबाराम परमार ने गांव में स्कूल भवन निर्माण की मांग को लेकर अनोखा और पीड़ादायक विरोध प्रदर्शन किया है। सालों तक सुनवाई न होने से आहत अंबाराम परमार ने अब तक दिए गए 81 आवेदनों की माला पहनकर करीब 90 किलोमीटर पैदल चलकर उज्जैन कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रशासन का ध्यान अपनी ओर खींचा।

कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अंबाराम परमार ने बताया कि वे तीन दिन तक लगातार पैदल चलकर उज्जैन आए हैं ताकि अधिकारियों को गांव के बच्चों की बदहाली का अहसास कराया जा सके। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उनकी सबसे पहली और प्रमुख मांग गांव में स्कूल भवन का निर्माण है। इसके बाद ही वे अन्य मुद्दों पर बात करेंगे। इस दौरान उन्होंने प्रशासन को 51 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा।

यह भी पढ़ें:इंदौर में 18 जनवरी को भिड़ेंगे भारत और न्यूजीलैंड, MPCA ने जारी किया टिकटों का रेट

दरअसल, ग्राम भड़ला जिला मुख्यालय उज्जैन से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है। यहां पिछले 13 सालों से प्राथमिक स्कूल का अपना भवन नहीं है। हालात इतने बदतर हैं कि पहली से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई खुद अंबाराम परमार के आंगन में कराई जा रही है। कभी झोपड़ी में तो कभी पेड़ के नीचे बच्चों को बैठाकर पढ़ाना मजबूरी बन चुका है। बारिश और भीषण गर्मी में बच्चों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।

गांव में पदस्थ शिक्षिका हंसा बैरागी ने बताया कि स्कूल में वर्तमान में 29 बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल की शुरुआत साल 2013 में हुई थी लेकिन आज तक स्थायी भवन का निर्माण नहीं हो सका है। शिक्षक मनोज दास के अनुसार, गांव तक पक्की सड़क नहीं होने के कारण बारिश के मौसम में स्कूल पहुंचना भी बेहद कठिन हो जाता है। ग्रामीणों के सहयोग से भवन निर्माण की कोशिश जरूर शुरू हुई थी लेकिन वह अधूरी रह गई और आज वह ढांचा खंडहरनुमा हालत में खड़ा है।

यह भी पढ़ें:भारतीय मूर्तिकला का एक स्वर्णिम अध्याय समाप्त, प्रख्यात शिल्पकार राम सुतार का 100 वर्ष की आयु निधन

अंबाराम परमार ने चेतावनी दी है कि यदि अब भी उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे उज्जैन के बाद भोपाल और फिर दिल्ली तक पैदल मार्च करेंगे। जरूरत पड़ी तो वे भूख हड़ताल का रास्ता भी अपनाएंगे। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि 13 साल से बच्चों के पास बैठने तक की जगह नहीं है। वे 81 बार आवेदन दे चुके हैं लेकिन अगर अब भी स्कूल नहीं बना तो वे आखिरी सांस तक संघर्ष करते रहेंगे।

यह भी पढ़ें:CG: सुकमा में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता, DRG ने 3 नक्सलियों को मार गिराया