BJP नेता ने अपनी ही पार्टी को बताया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, कार्यालय के बाहर दिया धरना

गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में न बुलाए जाने को लेकर भड़के पिछड़ा वर्ग के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष, बोले- यहां अब कार्यकर्ताओं की कोई इज्जत नहीं, प्रभारी मुरलीधर राव ने समझाया

Updated: Oct 02, 2021, 04:41 PM IST

Photo Courtesy: Bhaskar
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जबलपुर। गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में तवज्जो न मिलने की वजह से नाराज बीजेपी नेताओं की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। बीजेपी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष सुरेंद्र राठौर ने भी अपनी उपेक्षा को लेकर नाराजगी जाहिर की है। राठौर ने कहा है की बीजेपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है और यहां अब कार्यकर्ताओं की कोई इज्जत नहीं है।

नाराजगी जताने के लिए बीजेपी नेता सुरेंद्र राठौर रविवार को जबलपुर पार्टी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका आरोप है कि पार्टी में तमाम पदों पर रहने के बावजूद उनकी उपेक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि, 'मैं पिछले 40 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहा रहा हूं। दो बार युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष, महामंत्री, युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य, जिला महामंत्री सहित जबलपुर विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष रह चुका हूं। इसके बावजूद मेरी उपेक्षा की गई। मुझे अमित शाह के कार्यक्रम में कुर्सी तक नसीब नहीं हुई।'

सुरेंद्र राठौर ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री के कार्यक्रमों में संगठन के वरिष्ठ नेताओं को सम्मान नहीं दिया जा रहा। बीजेपी में अब सीनियर नेताओं की उपेक्षा होने लगी है। वो कहते हैं कि, 'गृहमंत्री के कार्यक्रम में पूर्व महापौर प्रभात साहू, विधायक बैसाखू लाल साहू, वनमंत्री कुंवर विजय शाह और केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते तक को अपमानित किया जा रहा है। बीजेपी बूथ कार्यक्रम में पूर्व महापौर प्रभात साहू और विधायक बैसाखू लाल का नाम नहीं था। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मंच पर बिठाने की बजाए सामने की कुर्सी पर बैठाया गया। ये कैसा प्रबंधन है।' 

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राठौर के धरने पर बैठने की खबर जब राजधानी भोपाल में नेताओं के पास पहुंची तो बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी असमंजस में पड़ गए। हालांकि, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने राठौर को समझाकर धरना खत्म करा दिया। राव ने राठौर से बात की और आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत पर सुनवाई होगी। राव ने कहा कि, 'आप पार्टी के सम्मानित और अनुशासित नेता हैं। अपनी बात पार्टी फोरम पर रखें।' इसके बाद राठौर का धरना समाप्त हुआ।