कोरोना से कैसे लड़ेंगे जब मप्र में न स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, न गृहमंत्री

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब पीएम मोदी को कोरोना संकट से लड़ना था तब वे प्रदेश सरकार को गिराने में व्यस्त थे। मेरे इस्तीफे के बाद से राज्य के हालात बिगड़ते गए है। सीएम शिवराज अब तक संभाल नहीं पा रहे है। संकट के समय राज्य में शिवराज सरकार बिना मंत्रियों के ही किसी तरह सरकार चला रहे है।

Publish: Apr 13, 2020, 05:39 AM IST

Congress leader kamal nath
Congress leader kamal nath

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कमलनाथ ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब पीएम मोदी को कोरोना संकट से लड़ना था तब वे राज्यसभा चुनाव और मध्यप्रदेश सरकार को गिराने में व्यस्त थे। 8 मार्च को ही 19 विधायकों को कर्नाटक भेज दिया। उस समय जब मेरी सरकार थी तो राज्य के सभी संस्थानों को बंद करने के निर्देश दे दिये थे। लेकिन मेरे इस्तीफे के बाद से राज्य के हालात बिगड़ते गए है। सीएम शिवराज अब तक संभाल नहीं पा रहे है। देश में और पूरे विश्व में एमपी ही एक ऐसा राज्य है जहां अभी कोई स्वास्थ्य मंत्री और गृह मंत्री नहीं है। संकट के समय राज्य में शिवराज सरकार बिना मंत्रियों के ही किसी तरह सरकार चला रहे है।

नाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने फरवरी में ही कहा था कि कोरोना वायरस महामारी बड़ी समस्या में बदल जाएगी, लेकिन तब कुछ नहीं किया गया था। विभिन्न राज्य विधानसभाओं को कोरोना के कारण स्थगित किया गया था, लेकिन हमारी सरकार चली जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए संसद चलती रही। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में हमने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जांच के लिए कुछ निर्णय लिए थे। हमने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाए थे। आठ मार्च को शॉपिंग मॉल, स्कूलों आदि को बंद करने का आदेश दिया था।

उन्होंने यह भी कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि वह कोविड -19  के खतरे कारण सदन स्थगित कर रहे हैं, तब भाजपा के लोगों ने उनका मजाक उड़ाया था, लेकिन देखिए बाद में पूरे देश में लॉकडाउन है। यदि पीएम नरेंद्र मोदी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के फरवरी में ही केंद्र सरकार को दिये कोरोना को लेकर चेतावनी पर एक्शन ले लिये होते तो आज इतना भयंकर रुप देखने को नहीं मिलता।

 क्या कहीं 45 अधिकारी संक्रमित हैं?

कमलनाथ ने सवाल उठाते हुए कहा कि यहां तो स्वास्थ्य विभाग के 45 अफसर और कर्मचारी ही संक्रमित हैं। आप लोग पता कर लीजिए कि किसी और प्रदेश में हैं क्या इतने। ये लोग विधानसभा स्थगित होने के बाद मजाक उड़ाते रहे कि कोरोना क्या होता है। इंडिया में जांच के लिए कोरोना टेस्टिंग किट की भारी कमी है। ये लोग पब्लिक को मूर्ख बना रहे हैं।

सिंधिया के हाथ से निकल गई होंगी चीजें 

कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में पूछे गए एक सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि 29 फरवरी को सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात हुई थी। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव पर बातचीत हुई। मुझे लगता है बाद में ज्योतिरादित्य के हाथ से चीजें निकल गईं। भाजपा ने विधायकों से सौदा कर लिया। ज्योतिरादित्य को पता भी नहीं चला। बाकी चीजें बाद में खुलकर सामने आएंगी कि आखिर क्या हुआ था। कोई भी बात छिपी नहीं रहती है, अंत में सामने आ ही जाती है।