हादसे के बेहद करीब था एयर इंडिया का विमान, कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने सुनाई आपबीती

वेणुगोपाल के अनुसार चेन्नई में जब इमरजेंसी लैंडिंग की पहली कोशिश हुई तो सामने दूसरा विमान खड़ा था। इस दौरान विमानों में टक्कर होते-होते बचा। पायलट प्लेन को दोबारा हवा में ले गया और दूसरी कोशिश में सुरक्षित लैंडिंग हो सकी।

Updated: Aug 11, 2025, 10:01 AM IST

नई दिल्ली। केरल के तिरुवनंतपुरम से दिल्ली आ रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI 2455 को टेक्निकल एरर और खराब मौसम की वजह से चेन्नई डाइवर्ट करना पड़ा। इस फ्लाइट में कांग्रेस के कई सांसदों समेत करीब 100 यात्री सवार थे, जिनमें महासचिव केसी वेणुगोपाल भी शामिल थे।

वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर दावा किया कि यह यात्रा भयावह रूप से त्रासदी के करीब पहुंच गई थी। उन्होंने कहा कि फ्लाइट पहले से ही लेट थी और उड़ान भरने के बाद तेज और अप्रत्याशित टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटे बाद कैप्टन ने फ्लाइट सिग्नल फॉल्ट की जानकारी दी और विमान को चेन्नई डाइवर्ट कर दिया।

कांग्रेस सांसद के मुताबिक, लगभग दो घंटे तक फ्लाइट चेन्नई एयरपोर्ट के ऊपर क्लियरेंस का इंतजार करती रही। पहली कोशिश में लैंडिंग के दौरान रनवे पर पहले से ही एक अन्य विमान मौजूद था। उस समय कैप्टन के त्वरित निर्णय से विमान को ऊपर खींच लिया गया और सभी यात्रियों की जान बच गई। फ्लाइट दूसरी कोशिश में सुरक्षित उतरी।

वेणुगोपाल ने कहा, 'हमें स्किल और किस्मत दोनों ने बचाया, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा किस्मत पर निर्भर नहीं हो सकती।' कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने भी वेणुगोपाल की पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि वह "शॉक्ड और डरे हुए" हैं। उन्होंने कहा कि AI 2455 फ्लाइट में टर्बुलेंस, फ्लाइट सिग्नल फॉल्ट और चेन्नई में रनवे पर लगभग टक्कर जैसी स्थिति बनी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू को टैग करते हुए कहा कि यात्री सुरक्षा किस्मत पर नहीं छोड़ी जा सकती और तुरंत जवाब और कार्रवाई की मांग की है।

इस पूरे मामले पर एअर इंडिया ने बयान जारी कर दोनों सांसदों के दावों को खारिज किया है। एयरलाइन ने कहा कि चेन्नई डाइवर्जन एक प्रीकॉशनरी कदम था, जो संदिग्ध टेक्निकल इश्यू और खराब मौसम की वजह से लिया गया। पहली कोशिश में लैंडिंग के समय चेन्नई ATC ने गो-अराउंड का निर्देश दिया, लेकिन इसका कारण रनवे पर कोई अन्य विमान होना नहीं था।

एअर इंडिया ने आगे कहा कि उनके पायलट ऐसे हालात से निपटने के लिए प्रशिक्षित होते हैं और इस फ्लाइट में भी सभी मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया। कंपनी ने इस घटना को यात्रियों के लिए असहज अनुभव बताते हुए खेद जताया और कहा कि सुरक्षा हमेशा उनकी पहली प्राथमिकता है।