यूक्रेन में PM मोदी ने बापू को दी श्रद्धांजलि, कहा- मैं गांधी की धरती से शांति का संदेश लेकर आया हूं
हम महात्मा गांधी की धरती से आते हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है। 140 करोड़ भारतीयों की भावना मानवता से भरी है। मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं: नरेंद्र मोदी
कीव। रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र कर दुनिया को शांति का संदेश दोहराया। पीएम मोदी ने कहा कि मैं गांधी की धरती से शांति का संदेश लेकर आया हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युक्रेन की राजधानी कीव पहुंचते ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल पहुंचे और अहिंसा के पुजारी बापू को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रधानमंत्री ने इसकी तस्वीरें शेयर कर X पर लिखा, "बापू के सिद्धांत सार्वभौमिक हैं और करोड़ों लोगों के लिए आशा की किरण हैं। हम सब उनके दिखाए गए मार्ग का अनुसरण करें।"
Paid tributes to Mahatma Gandhi at Kyiv. The ideals of Bapu are universal and give hope to millions. May we all follow the path he showed to humanity. pic.twitter.com/vdqiUQcjJV
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024
मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन के मैरिंस्की पैलेस में करीब 3 घंटे बैठक हुई। इस दौरान उन्होंने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया। दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम जंग पर कभी भी तटस्थ नहीं रहे हैं। हम पहले दिन से शांति के पक्ष में रहे हैं। हम बुद्ध की धरती से आए हैं, जहां युद्ध का कोई स्थान नहीं है। हम महात्मा गांधी की धरती से आते हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है।
PM मोदी ने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की भावना मानवता से भरी है। मैं यूक्रेन की धरती पर शांति का संदेश लेकर आया हूं। मोदी ने आगे कहा, 'भारत के लिए संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान सबसे जरूरी है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने उनकी आंख से आंख मिलाकर कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।'
PM मोदी ने कहा कि शांति के हर प्रयास में भारत सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अगर व्यक्तिगत तौर मैं कोई योगदान कर सकता हूं, तो एक मित्र की तरह मैं यह जरूर करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि म्यूजियम में जंग के दौरान मारे गए बच्चों के बारे में जानकारी मिलने के बाद मेरा दिल भर आया है। मैं इससे बेहद दुखी हूं। किसी भी सभ्य समाज में युद्ध में बच्चों के मारे जाने जैसी घटना को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।