CAA के विरोध में आज असम बंद, स्टूडेंट्स ने जलाई कानून की प्रतियां, देश के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन की तैयारी
विरोध को रोकने के लिए गुवाहाटी में जगह-जगह बैरिकेडिंग कर दी गई है। कई थाना क्षेत्रों के खाली परिसरों में अस्थाई जेलें बनाई जा रही हैं।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। CAA कानून लागू होते ही विरोध-प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। विरोध को दखते हुए कई राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश असम और दिल्ली उन संवेदनशील राज्यों में शामिल हैं, जहां पुलिस अलर्ट मोड पर है।
असम में कांग्रेस की अध्यक्षता में बने 16 दलों के संयुक्त विपक्षी मंच ने सीएए के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है और आज राज्यव्यापी बंद बुलाया है। उन्होंने कहा कि हम सीएए के खिलाफ अपना अहिंसक, शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक आंदोलन जारी रखेंगे। असम पुलिस ने बंद बुलाए जाने पर 16 विपक्षी राजनीतिक दलों को कानूनी नोटिस जारी किया है. पुलिस ने राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, बंद में शामिल लोगों पर केस दर्ज किए जा सकते हैं।
उधर, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने भी आज विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया है। उनके सदस्यों ने कल भी गुवाहाटी, बारपेटा, लखीमपुर, नलबाड़ी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) की प्रतियां जलाई थी।
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि सड़कों पर विरोध प्रदर्शन का कोई फायदा नहीं होगा क्यों कि यह पहले से ही संसद की ओर से पारित कानून है। उन्होंने सीएए का विरोध करने वालों से कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपनी लड़ाई लड़नी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी चेतावनी दी कि अगर राजनीतिक दल बंद का आह्वान करते हैं तो वे रजिस्ट्रेशन खो सकते हैं क्योंकि गौहाटी हाई कोर्ट ने पहले बंद पर रोक लगाने का आदेश पारित किया था।