Madan Lal Chaudhary Ahirwar: सांची में मदनलाल चौधरी को खड़ा कर कांग्रेस ने बदला बीजेपी का जातीय समीकरण

Sanchi By Poll 2020: अजा वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर जातीय समीकरण साधने की कोशिश, जिला पंचायत सदस्य मदनलाल चौधरी से बीजेपी को कड़ी टक्कर की उम्मीद

Updated: Sep 28, 2020, 11:16 PM IST

भोपाल। रायसेन जिले की सांची विधानसभा सीट की चर्चा उपचुनाव में खूब हो रही है। कांग्रेस ने मदनलाल चौधरी अहिरवार को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया है। आगामी उपचुनाव में मदनलाल का मुकाबला कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो चुके डॉ प्रभुराम चौधरी से होगा। एक दौर था जब मदनलाल और प्रभुराम चौधरी दोनों ही कांग्रेस में थे। पिछले चुनावों में मदनलाल ने प्रभुराम चौधरी के लिए वोट भी मांगे थे। लेकिन अब दोनों की भूमिकाएं बदल गई हैं। लगातार 20 साल में सरपंच, मंडी सहित एक बार पत्नी व एक बार स्वयं जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत चुके मदनलाल को स्थानीय उम्मीदवार होने का लाभ मिल सकता है। 

अजा वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर अजा वर्ग के लगभग 35 हजार मतदाता हैं। यह वर्ग कांग्रेस समर्थक रहा है। इस समाज के प्रभुराम चौधरी अब बीजेपी में है इसलिए जातीय समीकरण को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार इसी वर्ग से बनाया है। अब लड़ाई लोधी, किरार, ब्राम्हण, ठाकुर सहित मुस्लिम वोटों को पाने की होगी। 

जिला पंचायत सदस्य हैं मदनलाल चौधरी

मदनलाल चौधरी सांची के वार्ड नंबर 4 से जिला पंचायत सदस्य हैं। उन्होंने हायर सेकंडरी तक की शिक्षा हासिल की है। हरदौट निवासी मदनलाल चौधरी पिछले करीब दो दशक से सार्वजनिक जीवन और राजनीति में सक्रिय हैं। चार भाइयों में सबसे छोटे मदनलाल चौधरी खेती-किसानी के साथ ही साथ ठेकेदारी का काम भी करते हैं।

मदनलाल चौधरी सांची विधानसभा क्षेत्र में काफी समय से सक्रिय हैं। हर चुनावी समर में उन्होंने कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समाज सेवा में रुचि रखने वाले मदनलाल चौधरी इलाके की नीलकंठेश्वर धाम समिति से भी जुड़े हुए हैं। 

मदनलाल चौधरी का राजनैतिक सफर

मध्य प्रदेश में आगामी उपचुनाव में कांग्रेस का भरोसा जीतकर टिकट हासिल करने वाले मदनलाल चौधरी साल 2000 से 2005 तक कृषि उपज मंडी के सदस्य रह चुके हैं। साल 2005 से 2010 तक उन्होंने हरदौट पंचायत के सरपंच के रुप में काम किया है। साल 2015 से वे वार्ड नंबर 4 से जिला पंचायत सदस्य के तौर पर काम कर रहे हैं। मदनलाल की पत्नी रामवती चौधरी भी राजनीति में हैं। वे साल 2010 से 2015 तक जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं।

टॉस जीतकर बने थे जिला पंचायत सदस्य

मदनलाल चौधरी ने साल 2015 में वार्ड नंबर 4 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनकी टक्कर संतोष मालवीय से थी। इस चुनाव का परिणाम बड़ा दिलचस्प रहा, क्योंकि दोनों ही प्रत्याशियों को बराबर-बराबर वोट मिले। इसके हार-जीत का फैसला करने के लिए प्रशासन ने टॉस करवाया था। इसके लिए निकलवाई गई पर्ची में मदनलाल चौधरी का नाम आ गया और इस तरह उन्हें जिला पंचायत सदस्य घोषित कर दिया गया। मदनलाल को भरोसा है कि पिछले 20 वर्षों की मेहनत और जनता की सेवा का फल उन्हें उपचुनाव में जीत के रूप में जरूर मिलेगा।