जनपद अध्यक्ष की दावेदार आदिवासी महिला का दबंगों ने किया अपहरण, वोटिंग होने तक घुमाते रहे शहर शहर

सागर जिले के राहतगढ़ जनपद के वार्ड क्रमांक 12 से जनपद सदस्य का चुनाव जीती संजन का दबंगों ने किया अपहरण, आदिवासी सीट की दावेदार संजना को वोटिंग होने तक नहीं आने दिया अपने गाँव... उज्जैन, ओंकारेश्वर और सागर के होटलों में रखा

Updated: Aug 01, 2022, 12:42 PM IST

सागर। मध्य प्रदेश में जिला व जनपद पंचायत चुनावों में रसूखदारों ने लोकतांत्रिक प्रणाली का किस तरह से चीरहरण किया इसकी शर्मनाक कहानी सागर से सामने आई है। यहां एक आदिवासी महिला का इसलिए अपहरण किया गया ताकि वह जनपद अध्यक्ष नहीं बन सके। चुनाव तक दबंगों ने उसे उज्जैन, इंदौर, ओंकारेश्वर और सागर के होटलों में रखा गया और वह चुनाव नहीं लड़ सकी।

संजना आदिवासी ने राहतगढ़ जनपद के वार्ड क्रमांक-12 से जनपद सदस्य का चुनाव जीत दर्ज की थी। जनपद अध्यक्ष का पद एसटी के लिए रिजर्व होने के कारण वह इस पद की प्रबल दावेदार थीं। लेकिन उन्हें और उनके पति का अपहरण कर 4 दिन उन्हें गांव से ले जाकर सागर, उज्जैन, ओंकारेश्वर, इंदौर, देवास, विदिशा और फिर सागर में रखा गया।

महिला ने स्थानीय मीडिया कर्मियों को पूरी आपबीती सुनाई है। संजना के मुताबिक कुछ स्थानीय रसूखदार 24 जुलाई की शाम उसके घर पहुंचे। उन्होंने संजना को भरोसा दिलाया कि जनपद अध्यक्ष उसे ही बनाएंगे। इसके बाद संजना और उसके पति का मोबाइल बंद करवाकर अपने पास रख लिया। उन्होंने कहा कि लोकेशन ट्रेस होने पर दूसरे लोग आ जाएंगे और तुम अध्यक्ष नहीं बन पाओगी। 

संजना के मुताबिक एक गाड़ी से उन्हें अपने काटीघाटी से कटन के ठाकुर बाबा (जरुआखेड़ा) तक ले जाया गया। आधे घंटे बाद वहां दूसरी गाड़ी आई, उसमें दो लोग सवार थे। वे उन्हें लेकर नरयावली तक गए। यहां उन्हें तीसरी गाड़ी में बैठाकर सागर लाया गया और गल्ला मंडी के पास खाना देकर भाग्योदय के पास एक होटल में रखा गया। 

संजना के मुताबिक इसके अगले दिन यानी 25 जुलाई को उन्हें उज्जैन ले जाकर महाकालेश्वर का दर्शन कराया गया और वहीं एक होटल में उन्हें एक कमरा।मिला। इसके अगले दिन 26 जुलाई को आरोपी उन्हें ओंकारेश्वर ले गए गए। यहां से उन्हें इंदौर ले जाकर एक होटल में रखा गया। 27 को वे देवास और विदिशा में रुकते हुए सागर आए। यहां दीपक होटल में रुकने की व्यवस्था थी। 28 की सुबह यानी चुनाव वाले दिन आरोपियों ने किसी अनजान व्यक्ति को भेजा। 

यहां से उन्हें फिर उस होटल में ले गया, जहां 24 की रात में रखा गया था। दोपहर करीब 1.30 बजे तक दोनों को वहीं रखा। बकौल संजना वह जिद करने लगी कि उसे वोटिंग में जाना है। तब उसे और उसके पति को पीटा गया। उनके पास पैसे भी नहीं थे। वहां से जान बचाकर दोनो पति पत्नी जैसे तैसे 30 किलोमीटर पैदल चलकर जरुआखेड़ा पहुंचे। यहां से कुछ दूर बस से गए और फिर पैदल अपने घर गए। इस सदमे के बाद एक दिन तक संजना बेसुध रही। 30 जुलाई को वह थाने में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने गई। 

संजना ने कहा कि, 'एक तरफ दावा हो रहा है कि आदिवासी महिला के राष्ट्रपति बनने से आदिवासी सशक्त हो रहे हैं। मुझे तो जनपद अध्यक्ष का चुनाव तक नहीं लड़ने दिया गया।' थाना प्रभारी आनंद राज ने बताया कि पूर्व सरपंच अजब सिंह यादव पीपलखेड़ी को मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, वहीं अन्य की आरोपियों की तलाश जारी है। बता दें कि राहतगढ़ जनपद अध्यक्ष का पद एसटी महिला के लिए रिजर्व था और यहां मीना राजू आदिवासी को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित किया गया है।