क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म से लड़ने के लिए हम प्रतिबद्ध, पहलगाम हमले पर कांग्रेस कार्यसमिति का प्रस्ताव

भाजपा इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपने आधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से और अधिक वैमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है: CWC

Updated: Apr 24, 2025, 03:39 PM IST

नई दिल्ली। पहलगाम में पर्यटकों पर कायरतापूर्ण आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। इस हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता स्थगित करने समेत अन्य कई सख्त कदम उठाए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र की ओर से सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। इससे पहले विपक्षी दल कांग्रेस ने गुरुवार को अपने शीर्ष नीति निर्धारक इकाई CWC की आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कांग्रेस ने क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

कांग्रेस कार्यसमिति द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले पर गहरा शोक और कड़ी निंदा व्यक्त करती है। इस जघन्य हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। कांग्रेस कार्यसमिति शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करती है और इस गहन पीड़ा की घड़ी में उनके साथ पूरी तरह से एकजुटता के साथ खड़ी है। यह कायराना और सुनियोजित आतंकी हमला, जिसकी साजिश पाकिस्तान द्वारा रची गई, हमारे गणराज्य के मूल्यों पर सीधा हमला है। 

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CWC ने कहा कि हिंदू नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना पूरे देश में भावनाएं भड़काने की एक सोची-समझी साज़िश थी। हम इस गंभीर उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और संकट की इस घड़ी में हमारी सामूहिक शक्ति को दोहराते हैं। कांग्रेस कार्यसमिति शांति की अपील करती है और सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और एकता के साथ लड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराती है।

कांग्रेस कार्यसमिति ने उन स्थानीय पोनिवालों और पर्यटक गाइडों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की है, जिनमें से एक ने पर्यटकों की रक्षा करते हुए शहादत दी। CWC ने कहा कि उनका यह वीरतापूर्ण बलिदान उस भारत की मूल भावना को सजीव करता है, जहाँ निःस्वार्थ सेवा, मानवता और एकता सर्वोपरि हैं। CWC ने आगे कहा कि पहलगाम एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जहाँ त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। ऐसे में यह आवश्यक है कि इस केंद्रशासित प्रदेश — जो सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है — में हुए इस हमले की पृष्ठभूमि में सुरक्षा तंत्र की कमियों और व्यवस्थागत चूकों की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जाए। इन सवालों को जनहित में उठाना जरूरी है, ताकि प्रभावित परिवारों को न्याय होता हुआ स्पष्ट रूप से नजर आ सके।

कांग्रेस कार्यसमिति ने यह भी कहा है कि अमरनाथ यात्रा शीघ्र ही प्रारंभ होने वाली है। देशभर से लाखों श्रद्धालु इस वार्षिक यात्रा में भाग लेते हैं और उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके लिए ठोस, पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जाने चाहिए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा की जानी चाहिए, जिनका जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है। यह कार्य पूर्ण ईमानदारी और गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए।

CWC ने अपने प्रस्ताव के आखिर में कहा कि इस नरसंहार की जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सर्वसम्मति से निंदा की गई है। किंतु यह अत्यंत चौंकाने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस गंभीर त्रासदी का दुरुपयोग अपने आधिकारिक और परोक्ष सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से और अधिक वैमनस्य, अविश्वास, ध्रुवीकरण और विभाजन फैलाने के लिए कर रही है, जबकि इस समय सबसे अधिक आवश्यकता एकता और एकजुटता की है।