शिक्षा के मामले में मध्य प्रदेश का ख़राब प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ और बिहार से भी पीछे

एनएसएस की एक रिपोर्ट के आधार पर नीति आयोग ने यह सूची जारी की है, इसे राज्यों के सरकारी स्कूलों की स्थिति, मूलभूत सुविधाओं और बच्चों के भीतर विषयों को सीखने की क्षमता के आधार पर तैयार किया गया है

Updated: Feb 08, 2021, 10:47 AM IST

Photo Courtesy: India Tv
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नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शिक्षा के स्तर के लिहाज से मध्य प्रदेश की स्थिति काफी कमज़ोर नज़र आ रही है। एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश शिक्षा के स्तर के लिहाज से देश के बाकी राज्यों की तुलना में 19 वें नंबर पर चला गया है। छत्तीसगढ़ और बिहार समेत 18 राज्य शिक्षा के मामले में एमपी से बेहतर हैं। इस बात का खुलासा एनएसएस की एक रिपोर्ट में हुआ है, जिसे नीति आयोग ने तैयार किया है।

रिपोर्ट में सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं, संसाधनों, फैकल्टी और बच्चों के भीतर विषयों को समझने की क्षमता के आधार पर यह रिपोर्ट तय की गई है। जिसमें मध्य प्रदेश औसत  स्कोर के आसपास होने के बावजूद काफी पीछे है। रिपोर्ट के मुताबिक बाकी अधिकांश राज्यों के मुकाबले मध्य प्रदेश का प्रदर्शन काफी कमज़ोर रहा है। 

सरकारी स्कूलों में सबसे अच्छी शिक्षा व्यवस्था के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर है। इसके बाद कर्नाटक, राजस्थान, चंडीगढ़ और गोवा क्रमशः दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें नंबर पर हैं। केरल 9 वें स्थान पर है। विषयों के हिसाब से बात करें तो विज्ञान विषय में राष्ट्रीय औसत 274 है। यह औसत मध्य प्रदेश का ज़रूर है लेकिन विज्ञान विषय में सबसे ज़्यादा 326 का औसत दिल्ली का है। यही हाल बाकी विषयों में भी है। 

नीति आयोग द्वारा जारी की गई यह रिपोर्ट जारी तो अभी की गई है, लेकिन एनएसएस ने इस रिपोर्ट को 2017 में तैयार कर लिया गया था। इस रिपोर्ट को 2020 में जारी होना था। लेकिन कोरोना के कारण यह रिपोर्ट पिछले वर्ष जारी नहीं हो सकी।