CM शिवराज के गढ़ में कांग्रेस की बड़ी सेंधमारी, बुधनी विधानसभा क्षेत्र के 1,500 लोग हुए कांग्रेस में शामिल

सीएम शिवराज के करीबी राजेश पटेल ने थामा कांग्रेस का दामन, बुधनी विधानसभा क्षेत्र से 220 वाहनों का काफिला लेकर पहुंचे भोपाल, शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प

Updated: Sep 20, 2023, 01:42 PM IST

भोपाल। विधानसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश बीजेपी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं हो रही है। भाजपा के एक के बाद एक बड़े नेता कमलनाथ की नीतियों से प्रभावित होकर कांग्रेस ज्वाइन कर रहे हैं। इसी बीच अब कांग्रेस ने सीएम शिवराज के गढ़ में बड़ी सेंधमारी की है। सीएम के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के 1500 लोगों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सीएम शिवराज के लिए निजी तौर पर इसे बड़ा झटका माना जा रहा है।

सीएम शिवराज के करीबी रहे राजेश पटेल बुधवार को 220 वाहनों का काफिला लेकर राजधानी भोपाल पहुंचे। यहां उन्होंने 1500 समर्थकों के साथ कांग्रेस ज्वाइन की। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने स्वयं उन्हें सदस्यता दिलाई। इस दौरान राजेश पटेल ने मध्य प्रदेश से शिवराज सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया। पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता आज कमीशनराज से त्रस्त है, महिलाओं की आबरू असुरक्षित है, नौजवान सड़कों पर हैं, किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। इस विकट स्थिति में हमारा दायित्व बनता है कि इस निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकने के नेक कार्य में कमलनाथ जी के हाथ को मजबूत करें।

शिवराज सिंह चौहान को उनके गढ़ में घेरने की रणनीति में कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने अहम भूमिका निभाई है। आनंद जाट के प्रयासों से ही सीएम के विधानसभा क्षेत्र में पार्टी बड़ी सेंधमारी करने में सफल रही। हालांकि, आनंद जाट ने इसका श्रेय कमलनाथ को दिया है। आनंद जाट ने कहा, 'यह तो अभी शुरुआत है। बुधनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को अभी और बड़े झटके लगेंगे। आज डेढ़ हजार लोगों ने कमलनाथ की नीति और नीयत से प्रभावित होकर कांग्रेस का दामन थामा है। शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा चुनाव हराने और कमलनाथ जी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए बुधनी की जनता संकल्पित है।' 

रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस में शामिल होने वाले राजेश पटेल भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं। हालांकि वह किसी पद पर नहीं बने हैं। वे एक समय पर सीएम के करीबी भी थे। हालांकि, चौतरफा भ्रष्टाचार और प्रदेश में व्याप्त गुंडाराज से व्यथित होकर उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया। पटेल के कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने से निश्चित ही बुधनी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।