एक बार फिर 4400 करोड़ का ऋण लेगी मोहन सरकार, तीन महीने में 31400 करोड़ पहुंचा कर्ज का आंकड़ा
मार्च में सरकार ने अब तक हर हफ्ते कर्ज लिया है और 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 61400 करोड़ रुपए तक कर्ज का आंकड़ा पहुंच जाएगा।

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार कर्ज के दलदल में धंसती जा रही है। राज्य सरकार एक बार फिर से 4400 करोड़ रूपए कर्ज लेने जा रही है। बुधवार को सरकार 2000 करोड़ और 2400 करोड़ रुपए के दो कर्ज सरकार लेगी। इसी के साथ डाॅ. मोहन यादव सरकार चालू वित्त वर्ष में 61400 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है।
बुधवार को जो दो कर्ज लिए जा रहे हैं वह सात साल और दस साल की अवधि के हैं। दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज सात साल और 2400 करोड़ रुपए का लोन 10 साल की अवधि के लिए लिया जा रहा है जिसका ब्याज मार्च और सितम्बर के महीनों में हर साल सरकार चुकाएगी।
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मार्च में सरकार ने अब तक हर हफ्ते कर्ज लिया है। इसके पहले पिछले बुधवार को रंगपंचमी के दिन भी सरकार ने छह हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।इसके साथ ही अकेले मार्च महीने में सरकार 20400 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। जबकि 2025 के शुरुआती तीन महीने में सरकार 31400 करोड़ का कर्ज ले चुकी है।
इसी के साथ राज्य सरकार पर कुल कर्ज 4.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। यह आंकड़ा राज्य के 4.2 लाख करोड़ रुपये के बजट से भी ज्यादा है, जिसे दो हफ्ते पहले ही पेश किया गया था। विपक्ष का आरोप है कि सरकार फिजूलखर्ची कर रही है। इसमें मंत्रियों के लिए नई कारें खरीदना और बंगलों का नवीनीकरण कराना शामिल है। वहीं, सरकार का कहना है कि वह विकास कार्यों के लिए लोन लेती है।
बता दें कि राज्य सरकार को हर महीने लाडली बहना योजना के लिए 1,550 करोड़ रुपये से ज्यादा की जरूरत होती है। इस वजह से भी कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है। सरकार इस वित्तीय वर्ष में 64,000 करोड़ रुपये तक का लोन ले सकती थी। उसने 61,400 करोड़ रुपये का लोन ले लिया है। अब सिर्फ 2,500 करोड़ रुपये का लोन लेने की गुंजाइश बची है।
मध्य प्रदेश पर देश के कुल कर्ज का 5% से ज्यादा कर्ज है। देश पर कुल 93,93,317.5 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें से मध्य प्रदेश पर 4,80,976 करोड़ रुपये का कर्ज है। कर्ज के मामले में मध्य प्रदेश नौवें स्थान पर है। 31 मार्च, 2024 को मध्य प्रदेश पर 3.75 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज था। एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक बीजेपी सरकार ने एक साल में 44 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था। इसके पहले 31 मार्च 2023 को सरकार पर कर्ज की राशि 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक थी।