जबलपुर: कोरोना मरीज़ों के लिए रेलवे ने तैयार किए 5 आइसोलेशन कोच
जबलपुर के मदन महल स्टेशन पर रेलवे के 5 कोच कोरोना मरीज़ों के लिए तैयार, रेलवे के डॉक्टर करेंगे कोरोना मरीजों का इलाज, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक केबिन में एक मरीज को किया जाएगा भर्ती, जिला प्रशासन की अनुमति से मिलेगा प्रवेश

जबलपुर। प्रदेश के अस्पतालों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है, लोगों को अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही है, वहीं छोटे घरों की वजह से कोरोना संक्रमितों को आइसोलेशन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में जबलपुर के मदन महल रेलवे स्टेशन पर 24 कोच वाली ट्रेन के 5 डिब्बों का कायाकल्प किया गया है। इसे सर्व सुविधा युक्त आइसोलेशन कोच में बदल दिया गया है।
जबलपुर के मदन महल स्थित पिंक स्टेशन में 24 कोच की आइसोलेशन ट्रेन खड़ी की गई है, जिसके 5 कोचों को फिलहाल आइसोलेशन कोच के रूप में तैयार किया गया है। बाकी डिब्बों में काम जारी है।
इस ट्रेन के हर कोच में 14 लोगों को आइसोलेट किया जाएगा। यहां कोचों में ऑक्सीजन समेत दूसरी मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी यहां उन मरीजों को रखा जाएगा जिनकी हालत ज्यादा गंभीर नहीं है। यहां आए मरीजों के गंभीर होने पर उन्हें अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा।
आइसोलेशन कोच में महिलाओं के लिए एक डिब्बा रिजर्व रखा गया है। ये सभी नॉन एसी कोच हैं, बढ़ती गर्मी के मद्देनजर हर खिड़की पर कूलर लगाया गया है। वहीं ट्रेन की छत पर गत्ते और शीट्स बिछाकर कवर किया गया है, ताकि तापमान ना बढे और मरीजों को गर्मी ना लगे।
इन कोचों में भर्ती मरीजों का इलाज रेलवे के ही डॉक्टर करेंगे। यहां किन मरीजों को भेजा जाएगा इसका फैसला जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा। यहां आने वाले मरीजों के रहने खाने और दवाओं का खर्चा प्रशासन द्वारा उठाया जाएगा।
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इस ट्रेन की हर कोच में 14 केबिन हैं, और 28 बेड, लेकिन एक केबिन के एक बेड का ही उपयोग होगा। एक केबिन में एक ही कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने के लिए ऐसा किया जा रहा है। वहीं हर केबिन में दो ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया गया है।
हर आइसोलेशन कोच में दो मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी होगी जो यहां भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर रखेगा। रेलवे का स्टाफ प्रमुखता से लगाया जाएगा। उच्च अधिकारियों की मानें तो जरुरत पड़ने पर जिला प्रशासन द्वारा भी अतिरिक्त मेडिकल स्टॉफ भेजा जा सकेगा। गौरतलब है कि जबलपुर के अलावा, कटनी रेलवे स्टेशन पर भी 12 कोच वाली एक आइसोलेशन ट्रेन भेजी गई है, वहीं भोपाल के प्लेटफार्म नंबर एक पर भी एक आइसोलेशन ट्रेन खड़ी है।
कोरोना काल में देश में रेलवे नित नए रिकॉर्ड बना रहा है, कभी आक्सीजन, कभी दवाएं तो कभी अन्य जरूरी सामान ढोने वाली रेलों में अब कोरोना मरीजों को आसरा मिलने जा रहा है। कोरोना की पहली लहर की ही तरह इस बार भी रेलवे एक और सराहनीय पहल करने जा रहा है। एक बार फिर कोरोना मरीजों के लिए रेलवे संकट मोचक बनने जा रहा है।