MP में 100 से अधिक किसान नेता गिरफ्तार, भोपाल स्टेशन से कर्नाटक के किसानों की गिरफ्तारी पर भड़की कांग्रेस

दिल्ली चलो मार्च से पहले मध्य प्रदेश में किसान नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी, दर्जनों जिलों के किसान नेताओं को भेजा गया जेल, कर्नाटक से दिल्ली जा रहे करीब 70 लोगों को भोपाल स्टेशन पर उतारा गया

Updated: Feb 13, 2024, 11:36 AM IST

भोपाल। एमएसपी और कर्जमाफी समेत अपनी कई मांगों को लेकर किसान एक बार फिर सरकार से आर-पार के मूड में हैं। सालों से लंबित पड़े अपने मांगों को लेकर 13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली कूच करने और 16 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया है। किसानों के तेवर देख सरकार के फूले हाथ-पांव फूल गए हैं। केंद्र और राज्य सरकारें इस आंदोलन को दबाने में जुट गई है। मध्य प्रदेश में 100 से अधिक किसान नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं।

रविवार अहले सुबह करीब चार बजे कर्नाटक से दिल्ली जा रहे करीब 70 लोगों को पुलिस ने भोपाल स्टेशन पर उतारकर गिरफ्तार कर लिया। उन्हें बिना किसी वजह 36 घंटे से पुलिस ने हिरासत में रखा गया। इसे लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार की आलोचना की है। सिंह ने गिरफ्तार किसानों का वीडियो-फोटो भी जारी किया है और बताया कि पुलिस उन्हें ट्रेन से उज्जैन लेकर जा रही है। इनमें 25 महिलाएं भी हैं।

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पूछा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री किसानों से इतना क्यों घबरा रहे हैं? मोदी गारंटी के अन्तर्गत इनका किसान आंदोलन समाप्त करने के लिए जो वादे किए थे पूरे नहीं हुए हैं उसके लिए यह आंदोलन आज दिल्ली में हो रहा है। वादे पूरे करो। MSP किसानों का अधिकार है इसे लागू करो। सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को टैग कर लिखा की यह आपकी गारंटी का सवाल है।

इससे पहले कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने मध्य प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हुबली के किसानों की गिरफ्तारी अत्यधिक निंदनीय है। मैं मांग करता हूं कि मध्य प्रदेश सरकार हमारे राज्य के गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को तुरंत रिहा करे और उन्हें कल दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने की अनुमति दे। उन्होंने कहा कि हालांकि, गिरफ्तारियां मध्य प्रदेश सरकार ने की है, लेकिन यह साफ है कि इस कृत्य के पीछे आपराधिक दिमाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भाजपा सरकार है।

बता दें कि दिल्ली चलो मार्च से पहले मध्य प्रदेश के कई जिलों से किसान नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए हैं। विस्थापित परिवारों के बेहतर पुनर्वास एवं मछुवारो के हक अधिकार के लिए संघर्षरत सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार सिन्हा को रविवार शाम जबलपुर के शास्त्री नगर स्थित उनके निवास जबलपुर से शाम करीब 7 बजे बिना कोई जानकारी व नोटिस दिये तिलवारा पुलिस द्वारा उठा लिया गया और धारा 151 के तहत जेल भेज दिया गया है। स्थानीय लोगों ने इसे अलोकतांत्रिक एवं संविधान विरोधी करार देते हुए कलेक्टर को पत्र लिखा है और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है। 

उधर, श्योपुर, इंदौर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा और देवास जिले के 20 से अधिक किसान नेताओं को गिरफ्तार किए जाने की सूचना है। संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल संगठन राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के इंदौर क्षेत्र के प्रवक्ता आशीष भैरम ने इस गिरफ्तारी को तानाशाही बताया और कहा कि सरकार को किसानों की मांगे माननी चाहिए। 

ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने भी मध्य प्रदेश में किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किये जाने की निंदा की तथा इसे 16 फरवरी के ग्रामीण भारत बंद व औद्योगिक हड़ताल को नाकाम करने की कोशिश बताया। एआईकेएस ने एक बयान में कहा, ‘‘ऑल इंडिया किसान सभा अपने (किसान सभा के), ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमंस एसोसिएशन, भूमि अधिकार आंदोलन किसान संघर्ष समिति, बीकेयू (टिकैत), एनएपीएम और मध्य प्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य घटक संघों के नेताओं की कायर भाजपा सरकार द्वारा गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है।"

एआईकेएस ने कहा कि इसके प्रदेश उपाध्यक्ष रामनारायण कुरैरिया को सिवनी में उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया जब वह ग्रामीण भारत बंद व हड़ताल की तैयारी से संबंधित एक बैठक में शामिल हो रहे थे।एआईकेस ने कहा कि ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमंस एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) की नेता एवं वकील अंजना कुरैरिया को जबलपुर में उनके घर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनकी गिरफ्तारी उस वक्त की गई जब पुलिस उनके पति रामनारायण के ठिकाने के बारे में पूछताछ करने वहां पहुंची थी।

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एआईकेएस ने कहा कि मध्य प्रदेश किसान सभा के आदिवासी नेता बलराज सिंह को भी सीधी स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया, हालांकि एक मुचलके पर उन्हें रिहा कर दिया गया। मध्य प्रदेश किसान सभा के एक और आदिवासी नेता अनिल सलाम को भी सिवनी में गिरफ्तार किया गया और बाद में रिहा कर दिया गया। प्रदेश किसान सभा की रीवा जिला इकाई के सचिव रंजीत सिंह को विभिन्न किसान संघों के छह नेताओं के साथ उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वे बंद की तैयारियों से जुड़ी एक बैठक कर रहे थे। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश प्रमुख को राजगढ़ स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया और भोपाल जेल भेज दिया गया। भूमि अधिकार आंदोलन की एक प्रमुख नेता एवं किसान संघर्ष समिति की आराधना भार्गव को छिंदवाड़ा स्थित उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया गया और बैतूल जेल भेज दिया गया।

एआईकेएस के बयान के अनुसार, एसकेएम के शत्रुघ्न यादव को ग्वालियर में उनके गांव से गिरफ्तार किया गया, एनएपीएम (नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स) के राजकुमार सिन्हा को जबलपुर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि बीकेयू के अनिल सिंह को श्योपुर जिले में गिरफ्तार किया गया और कुछ अन्य को जबलपुर और भोपाल में गिरफ्तार किया गया।

बता दें कि इसके पहले राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के शिवकुमार कक्काजी, भारतीय किसान यूनियन के अनिल यादव, आम किसान यूनियन के राम इनानिया जैसे बड़े किसान नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबलपुर में किसान नेता रामरतन यादव, नर्मदापुरम जिले के पिपरिया से राष्ट्रीय किसान-मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष शिवराज राजोरिया और ब्लॉक अध्यक्ष महेश उपाध्याय, विदिशा जिले के किसान नेता आनंद प्रताप सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है।