MP Police: मध्य प्रदेश में आरोपियों को बेइज्ज़त नहीं कर सकेगी पुलिस, आदेश जारी

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद गिरफ्तार किए गए किसी भी शख्स का जुलूस नहीं निकाला जाएगा, प्रेस नोट में तस्वीरें भी जारी नहीं की जाएंगी

Updated: Nov 27, 2020, 11:19 PM IST

Photo Courtesy : Zee News
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भोपाल। मध्य प्रदेश में किसी भी चर्चित वारदात में गिरफ्तारी के बाद पुलिस पकड़े गए आरोपियों का जुलूस निकालना आम बात रही है, लेकिन आइंदा से ऐसा नहीं किया जाएगा। मध्य प्रदेश के पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में प्रदेश के सभी एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसपी को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि अब जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गई है।

जानकारी के मुताबिक आरोपियों और गिरफ्तार लोगों की पहचान पुलिस सार्वजनिक नहीं करेगी। सभी पुलिस अधीक्षकों को इस आदेश का कड़ाई से पालन करना होगा। अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी कैलाश मकवाना के हस्ताक्षर से यह आदेश जारी किया गया है। इतना ही नहीं किसी आरोपी या संदेही के फोटो भी सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे। यह सारे कदम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश की वजह से उठाए जा रहे हैं, जिसने आरोपियों और संदिग्धों के पुलिस द्वारा फोटो जारी करने पर भी रोक लगा दी है।

बता दें कि मध्य प्रदेश पुलिस अब तक आरोपियों के जुलूस निकालती रही है। इसके पीछे दलील ये दी जाती रही कि ऐसा करने से लोगों के मन से अपराधियों का खौफ खत्म होता है और पुलिस पर भरोसा बढ़ता है। साथ ही इससे अपराधियों में कानून का डर पैदा होता है।

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दूसरी तरफ पुलिस की ऐसी कार्रवाइयों को मानवाधिकार का उल्लंघन भी माना जाता है। साथ ही इससे लोगों में कई बार यह संदेश भी जाता है कि महज गिरफ्तारी होने से ही कोई अपराधी हो जाता है, जबकि अपराध तो अदालती प्रक्रिया के बाद ही साबित होता है। इन्हीं कारणों से कोर्ट ने ऐसी परंपरा पर रोक लगा दी है।