MP: आयुष्मान भारत योजना में करोड़ों का घोटाला, एक ही मरीज एक ही टाइम में कई अस्पताल में भर्ती

CAG की रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश में फर्जी बिल बनाने के लिए मुर्दों का भी इलाज किया गया। जो लोग मर चुके हैं उन्हें कागजों पर अस्पताल में भर्ती दिखाया गया।

Updated: Aug 11, 2023, 07:21 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का वक्त बचा है और शिवराज सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है। इसी बीच राज्य में आयुष्मान भारत योजना में करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में बताया है कि मध्य प्रदेश में फर्जी बिल बनाने के लिए मुर्दों का भी इलाज किया गया। यानी जो लोग मर चुके हैं उन्हें कागजों पर अस्पताल में भर्ती दिखाया गया।

CAG की रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान योजना में देश में सर्वाधिक घोटाला जिस राज्य में हो रहे हैं वह मध्य प्रदेश है। कैग के मुताबिक एमपी में आयुष्मान भारत स्कीम में तहत न सिर्फ मुर्दों का इलाज किया गया है बल्कि एक मरीज के एक ही अस्पताल में भर्ती होने की अवधि के दौरान उसको कई दूसरे अस्पतालों में भी भर्ती दिखाया गया है। कैग की रिपोर्ट में राज्य में ऐसे 8,081 मामले सामने आए हैं।

कैग की पैन-इंडिया ऑडिट रिपोर्ट में अनियमितताओं के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश से सामने आए हैं। यहां आयुष्मान भारत योजना के तहत अपना इलाज करवा रहे एक लाभार्थी की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन वही लाभार्थी एक ही समय में कई अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहा था। इसके अलावा कैग की रिपोर्ट में एमपी में कई संदिग्ध कार्ड और मृत लोगों का भी लाभार्थी के रूप में रजिस्ट्रेशन पाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ही रोगी का एक ही समय में विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने के मामले में 213 अस्पताल शामिल थे। अस्पतालों को 'मरने' वाले 403 रोगियों के लिए 1.1 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया था। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि डिफॉल्टिंग अस्पतालों से होने वाली रिकवरी में एमपी के आंकड़े सबसे खराब हैं। यहां 96 प्रतिशत रिकवरी अभी तक नहीं हो पाई है।

एमपी में आयुष्मान भारत के जरिए इलाज के लिए 286 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसमें बायोमेट्रिक प्रमाण के बिना भुगतान की गई राशि 160 करोड़ रुपये थी, जबकि आधार-प्रमाणित रोगियों के इलाज के लिए 126 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। बता दें कि एमपी की शिवराज सरकार ने केंद्र की प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के नाम पर पहले तो जमकर वाहवाही लूटी। अब आयुष्मान योजना में मध्य प्रदेश में हुए बड़े फर्जीवाड़े का सच सामने आ रहा है। दरअसल, मध्य प्रदेश में ही सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड हैं।

कैग की रिपोर्ट सामने आने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा शासन में हर योजना में भ्रष्टाचार है। आयुष्मान योजना में भ्रष्टाचार CAG ने प्रमाणित कर दिया। बता दें कि इसके पहले भी मध्य प्रदेश कांग्रेस आयुष्मान घोटाले का मुद्दा उठा चुकी है। हालांकि, तब भाजपा सरकार ने इसे खारिज कर दिया था। अब सीएजी रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा नेताओं ने चुप्पी साध ली है।