MP के किसान खेती छोड़ने को मजबूर, सोयाबीन का भाव 6000 प्रति क्विंटल करे सरकार: राकेश टिकैत
अगर फसल के भाव की गारंटी होगी तो किसान उत्पादकता स्वयं बढ़ा देगा। आज मध्य प्रदेश में सोयाबीन का किसान लगातार घाटे की खेती करने पर मजबूर हैं: राकेश टिकैत
भोपाल। मध्य प्रदेश में सोयाबीन पीला सोने के नाम से जाना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा बन गई है। सरकार की गलत नीतियों के कारण सोयाबीन उत्पादक किसानों को काफी निराश होना पड़ रहा है। आलम यह है कि 12 वर्षों पहले सोयाबीन जिस भाव से बिक रहा था आज उससे भी कम भाव चल रहे हैं। इसे लेकर किसानों में भयंकर आक्रोश है और यह महाआंदोलन का रूप लेता नजर आ रहा है। किसान नेता राकेश टिकैत भी सोयाबीन किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। टिकैत ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित पत्र में लिखा है कि देश का किसान रात-दिन अपने काम को करने के लिए प्रतिबद्ध रहता है। जब देश कोरोना की महामारी के दौर से गुजर रहा था तब इसी खेतिहर समाज ने जीडीपी को जीवित रखने में अपनी भूमिका निभाई थी। समय के बदलाव के साथ दिल्ली की सीमाओं पर देश के इसी वर्ग ने 13 महीने तक अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया, जिसे सरकार के आश्वासन पत्र पर स्थगित कर दिया गया, लेकिन आज तक उन्हें फसलों के वाजिब दाम पर खरीद की गारंटी, एमएसपी कानून नहीं मिला है।
टिकैत ने पत्र में आगे लिखा कि आज के दौर में खेती के संसाधनों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। अगर दाम में बढ़ोत्तरी नहीं हुई को वह है किसान की फसल। जिससे हताश होकर किसान कर्ज लेने पर मजबूर हो रहा है। अगर फसल के भाव की गारंटी होगी तो किसान उत्पादकता स्वयं बढ़ा देगा। आज मध्य प्रदेश में सोयाबीन का किसान लगातार घाटे की खेती करने पर मजबूर हैं।
टिकैत ने पत्र में लिखा सरकार द्वारा आगामी खरीफ मार्केटिंग सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4850 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। लेकिन, मप्र की मंडियों में सोयाबीन 3500 रुपए प्रति क्विंटल से 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के बीच खरीदा जा रहा है। सोयाबीन की कीमतें दस साल पुराने स्तर पर आ गई हैं। पिछले कुछ सालों में इसकी कीमतों में लगातार गिरावट आई है।
बता दें कि सोयाबीन का रेट 6000 रुपए प्रति क्विंटल करने की मांग तेज हो गई है। प्रदेशभर के किसानों ने सोशल मीडिया पर इसके लिए मुहिम छेड़ दिया है। इतना ही नहीं 1 सितंबर को इसे लेकर औपचारिक आंदोलन की शुरुआत होने वाला है। इस आंदोलन के लिए प्रदेशभर के विभिन्न संगठनों के करीब 2000 किसान नेता एकसाथ आए हैं। राज्य के करीब पांच हजार गांवों के किसान एकसाथ इस आंदोलन को शुरू करने जा रहे हैं। इससे पहले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी सीएम डॉ. मोहन यादव को लेटर लिखकर 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल सोयाबीन का दाम तय करने की मांग कर चुके हैं।