OBC चयनित शिक्षकों ने शिवराज सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, BJP दफ्तर के बाहर हंगामा

OBC चयनित शिक्षकों का आरोप है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है। इस प्रदर्शन की तस्वीरों को साझा करते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने कहा, मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार युवाओं के लिए अभिशाप बन गई है।

Updated: Aug 28, 2023, 05:18 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार से लोगों की नाराजगी बीजेपी के लिए मुश्किलें पैदा करने लगी है। 
विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार को लगातार विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ रहा है। पटवारियों के बाद अब ओबीसी चयनित शिक्षकों ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को राजधानी भोपाल स्थित बीजेपी मुख्यालय के बाहर ओबीसी चयनित अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी सोमवार को हाथों में तख्तियां लेकर बीजेपी दफ्तर के अंदर घुसने लगे, जिस वजह से आनन-फानन में कार्यालय को अंदर से बंद करना पड़ा। दरअसल, सभी चयनित कैंडिडेट्स की 21 अगस्त को तय समय अनुसार ज्वाइनिंग होनी थी। नियुक्ति न होने का विरोध करते हुए सोमवार को इन अभ्यर्थियों ने बीजेपी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। वे अपने बच्चों को लेकर अलग-अलग जिलों से भोपाल पहुंचे हैं। इससे पहले भी यह अभ्यर्थी मुख्यमंत्री निवास और BJP कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर चुके हैं।

मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी और शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, "प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार युवाओं के लिए अभिशाप बन गई है। प्राथमिक शिक्षक भर्ती के ओबीसी वर्ग के सैकड़ों अभ्यर्थी अपने साथ हो रहे। अन्याय के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों के साथ मेरी पूरी सद्भावना है। मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं, कि हर रोज सरकार का करोड़ों रुपया खर्च करके आप झूठी घोषणाओं का तमाशा करते हैं। एक दिन अपने अंतःकरण पर हाथ रखकर सत्य बोलिए और इन अभ्यर्थियों के साथ न्याय करिए।'

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे चयनित शिक्षकों के नेता कमलेंद्र सिंह ने बताया कि 882 अभ्यर्थियों की कहीं भी सुनावाई नहीं की जा रही है। न तो इनका मामला हाईकोर्ट में है न ही इनका मामला सामान्य प्रशासन में है। फिर भी नियुक्तिों पर रोक लगा के रखी है। सभी 822 अभ्यर्थियों का नाम अंतिम चयन सूची में भी मौजूद था। नियम अनुशार सबकी ज्वाइनिंग डेट के साथ ही जिला भी डिसाइड कर दिया गया था। फिर भी न जाने बीजेपी सरकार हम बच्चों की नियुक्ति क्यों नहीं करा पा रही है। सरकार से बातचीत के दौरान हमें केवल आश्वासन दिया जा रहा है। जबकि हमें जरूरत नौकरी की है। हम अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। जब तक की हम लोगों का कोई फैसला नहीं हो जाता।