इंदौर: AI ड्रोन की मदद से NHAI का सर्वे, हाइवे पर अतिक्रमण चिह्नित किए गए
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अब सड़क निर्माण के दौरान बाधक और अतिक्रमण की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रहा है। जिसमें एक हजार से अधिक अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं।

इंदौर| भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अब सड़क निर्माण के दौरान बाधक और अतिक्रमण की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और ड्रोन तकनीक का उपयोग कर रहा है। इंदौर संभाग के 360 किलोमीटर के दायरे में आने वाले चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का सर्वे किया गया, जिसमें एक हजार से अधिक अतिक्रमण चिह्नित किए गए हैं।
राजमार्गों में ड्रोन सर्वेक्षण के दौरान सरकारी विभाग की कुछ इमारतों को भी अतिक्रमण में शामिल किया गया था, लेकिन भौतिक सत्यापन के बाद इन्हें बाधकों की सूची से हटा दिया गया। सर्वे में एनएच 52 और एनएच 47 जैसे प्रमुख मार्गों पर बड़ी संख्या में अवैध अतिक्रमण पाए गए। इंदौर-देवास एनएच 52 के 45 किलोमीटर लंबे हिस्से में 47 अतिक्रमण, इंदौर-गुजरात एनएच 47 के 155 किलोमीटर में 448 अतिक्रमण और इंदौर-खलघाट व खलघाट-महाराष्ट्र एनएच 52 के 82 किलोमीटर क्षेत्र में 480 अतिक्रमण मिले।
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अगस्त से नवंबर 2024 के बीच किए गए इस सर्वेक्षण में एक कार में सवार ऑपरेटर ने ड्रोन की मदद से हाइवे की हाई-डेफिनिशन तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए। इन वीडियो और तस्वीरों को एआई सिस्टम में अपलोड किया गया, जिससे बाधक और अतिक्रमण की सटीक पहचान संभव हुई। सर्वेक्षण के दौरान सड़क किनारे खड़े ट्रक, निर्माण सामग्री, अस्थायी दुकानें और अन्य रुकावटें भी अतिक्रमण के रूप में चिह्नित की गईं।
ड्रोन से मिले डेटा के आधार पर अब एनएचएआई इन अतिक्रमणों को हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी में है। इसके लिए जिला प्रशासन का सहयोग लिया जाएगा, और कार्रवाई से पहले लोगों की आपत्तियां भी सुनी जाएंगी ताकि विरोध को रोका जा सके। नई तकनीक के उपयोग से एनएचएआई के काम में सटीकता और गति आई है, जिससे हाईवे प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता में सुधार होगा और निर्माण कार्य तय समय सीमा में पूरा किया जा सकेगा।
भौतिक सर्वेक्षण की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल वास्तविक अतिक्रमण ही हटाए जाएं। कई स्थानों पर अस्थायी बाधकों, जैसे सड़क किनारे खड़े ट्रकों, को भी अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया गया है, इसलिए अंतिम सत्यापन के बाद ही कार्रवाई होगी।