दमोह में दिखी आस्था के नाम पर अंधविश्वास की तस्वीर, बरसात के लिए मासूम बच्चियों को निर्वस्त्र कर के घुमाया

ग्रामीणों का दावा है कि बच्चियों से कंधे पर मूसल रखकर भीख मांगने और गांव के मंदिर में भंडारा करने से होगी भरपूर वर्षा, जिम्मेदार अफसर बिना शिकायत के किसी कार्रवाई से कर रहे इनकार

Updated: Sep 06, 2021, 02:37 PM IST

photo courtesy: Skymet Weather
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दमोह। मध्यप्रदेश में बारिश का अधिकतर सीजन गुजरने के बाद भी दमोह जिले से मानसून रूठा हुआ है। जिसकी वजह से जनता परेशान है, अब दमोह में बारिश के लिए अंधविश्वास का सहारा लिया जा रहा है। यहां के एक गांव में अनोखा टोटका किया जा रहा है, ताकि जिले में मानसून की मेहबानी हो सके। दमोह के जबेरा ब्लॉक से यह आस्था के नाम पर अंधविश्वास की तस्वीरें सामने आई हैं, जहां के अमदर ग्राम पंचायत के बनिया गांव में छोटी बच्चियों को निर्वस्त्र करके गांव में घुमाया गया। स्थानीय मान्यता है कि बच्चियों के हाथ में मूसल देकर गांव में घुमाने से इंद्र देवता प्रसन्न होंगे और भरपूर बरसात होगी।

बच्चियों के साथ गांव की महिलाएं टोली बनाकर घर-घर जाती और भीख मांगती दिखाई दीं। माना जाता है कि इस तरह मिले सामान से भंडारा करने पर देवता प्रसन्न होंगे और खेतों के लिए भरपूर पानी बरसाएंगे।

बनिया गांव की इस घटना में बच्चियों को कई किलोमीटर तक निर्वस्त्र घुमाया गया। उनके कंधे पर मूसल रखा गया था। मूसल के दोनों छोरों पर मेंढकी बांधी गई थी। ग्रामीण महिलाएं बच्चियों की अगुवाई में स्थानीय खेर माता मंदिर में गई और पूजा की। इन महिलाओं ने देवी की मूर्ति पर गाय का गोबर छाप दिया। स्थानीय महिलाओं का दावा है कि इस टोटके से गांव में इतनी बारिश होगी कि माता की प्रतिमा से गोबर साफ हो जाएगा।

गांव में टोटके के नाम पर मासूम बच्चियों के साथ अमानवीयता करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनके अपने माता पिता और परिजन है। अब सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने पर जिम्मेदारों का कहना है कि अगर किसी बच्ची से जबरन ऐसा करवाया गया होगा तो वे एक्शन लेंगे। जिम्मेदार अफसर मामले की शिकायत आने के बाद ही जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

दरअसल दमोह जिले में इस मानसूनी सीजन औसत से 47 प्रतिशत कम बरसात हुई है। एक जून से 6 सितंबर तक महज 488.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। जबकि यहां का औसत बारिश का आंकड़ा 914.3 मिमी है। वहीं अगर पूरे प्रदेश स्तर के आंकड़ों पर गौर करें तो यहां सामान्य से 8 फीसदी बारिश कम हई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में 753.4 मिमी बरसात दर्ज की गई है। जबकि सामान्य तौर पर इनदिनों तक 818.5 मिमी वर्षा दर्ज होती रही है।

यही वजह है कि प्रदेश के करीब 16 जिलों में सूखे के आसार है। जिनमें से बुंदेलखंड, मालवा निमडा, महाकौशल और होशंगाबाद का इलाका शामिल है। प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, सागर, दमोह, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, बालाघाट, उमरिया, धार, बड़वानी, इंदौर, खरगोन के साथ होशंगाबाद और हरदा जिलों में सूखे की स्थिति बन गई है। यहां लोगों को पीने के पानी का संकट होने के आसार हैं, वहीं किसानों की सोयाबीन और धान की फसल भी सूखने की कगार पर आ गई है।