MP में संग्रहालयों की दुर्दशा, न रख रखाव और ना ही सुरक्षा की व्यवथा, CAG रिपोर्ट में खुली अव्यवस्था की पोल

CAG ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राज्य के संग्रहालयों में मौजूद कलाकृतियों में पेंट की छीटें और सीमेंट के निशान देखे गए, यानि कलाकृतियों के वास्तविक स्वरूप से समझौता हुआ है।

Updated: Mar 27, 2023, 01:58 PM IST

भोपाल। ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण धरोहरें किसी भी राज्य या राष्ट्र की संस्कृति का प्रतिबिंब होती हैं। संग्रहालयों की स्थापना इसीलिए की जाती हैं ताकि उस राज्य की धरोहरों, कलाकृतियों आदि को संरक्षित किया जा सके। हालांकि, मध्य प्रदेश में स्थिति बिलकुल विपरीत है। राज्य के संग्रहालयों में बेशकीमती कलाकृतियां असुरक्षित हैं। कैग की रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

CAG रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के पास अपने संग्रहालयों के मैनेजमेंट को लेकर किसी तरह की कोई पॉलिसी/दिशा-निर्देश मौजूद नहीं हैं। भले ही ASI ने संग्रहालयों के प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश तैयार किये है, लेकिन शिवराज सरकार प्रदेश के 43 संग्रहालयों में इसे लागू नहीं करवा पाई है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि अगर राज्य के संग्रहालयों में किसी तरह की आपदा आ जाए (प्राकृतिक/मानव निर्मित), तो उसे रोकने के लिए कोई भी डिसास्टर मैनेजमेंट प्लान मौजूद नहीं हैं।

कैग रिपोर्ट में इस बात को लेकर चिंता जताई गई है कि प्रदेश के 22 जिले भूकंप-संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं। साथ ही 32 जिले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शामिल हैं। बावजूद संग्रहालयों को खतरे से बचाने के लिए कोई आपदा प्रबंधन योजना नहीं है। अबतक डेटाबेस के डिजिटलीकरण के भी कोई प्रयास नहीं हुए हैं। आपको जानकर अचरज होगा कि प्रदेश के अधिकांश संग्रहालय सरकारी उपेक्षा के शिकार हैं। न तो इनका रखरखाव किया जा रहा है, और ना ही इनकी सुरक्षा को लेकर कोई व्यवस्था है।

पीपुल्स अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक राज्य के दस प्रमुख संग्रहालयों में मौजूद 42 हजार से अधिक अनमोल कलाकृतियां असुरक्षित हैं। इनमें 12,290 कलाकृतियों के चोरी होने की आशंका है और आठ संग्रहालयों में ढाई हजार से अधिक मूर्तियां फर्श पर अस्त-व्यस्त पड़ीं हैं। वहीं 500 मूर्तियां खुले में रखीं हैं। ज्यादातर मूर्तियों पर सीमेंट पोत दी गई है और पेंट के छींटे मार दिए गए हैं, जिससे उनका वास्तविक स्वरूप बिगड़ गया है। संग्रहालयों में अग्निशमन यंत्र, अलार्म सिस्टम और सुरक्षा के अन्य पुख्ता इंतजाम भी नहीं है।

राज्य में संग्रहालयों और बेशकीमती कलाकृतियों की दुर्दशा पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी चिंता व्यक्त की है। सिंह ने एक ट्वीट में लिखा, "मध्य प्रदेश शासन के संग्रहालयों में जो अव्यवस्था है वह चौंकाने वाली है। हमारी संस्कृति व ऐतिहासिक धरोहर पर कुठाराघात है।" उन्होंने ⁦मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि यदि आपको झूठी घोषणाएँ करने से समय मिले तो इन कलाकृतिओं की सुरक्षा का इंतजाम करें। 

बता दें कि मध्य प्रदेश, देश का ऐसा राज्य है जहां के संग्रहालयों में मौर्य, गुप्त, मुगल, मराठा और प्रागैतिहासिक काल के युग की झलक देखने को मिलती है। यहां शिलालेख, मुहरों, पत्थर के स्तंभों, चित्रकारी, सिक्कों, चीनी मिट्टी के वस्तुओं, धातु और हाथी दांत के खिलौनों के साथ कलाकृतियों और मूर्तियों का संग्रह है। यहीं नहीं ईसा पूर्व प्रथम शताब्दी से 17वीं शताब्दी तक की कला भी प्रदेश के संग्रहालयों में देखने मिलती है।