हमें अब RSS की जरूरत नहीं, बीजेपी अपने दम पर सक्षम है, जेपी नड्डा के बयान से संघ हो सकता है नाराज
जेपी नड्डा ने कहा कि RSS एक वैचारिक मोर्चा है। वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं। हम अपने मामलों को अपने तरीके से मैनेज कर रहे हैं और राजनीतिक दलों को यही करना चाहिए।
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भाजपा और RSS के बीच अनबन लगातार बढ़ती जा रही है। पॉवर के केंद्र में रहने वाली RSS को अब किनारे किया जाने लगा है। इसी क्रम में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का एक बयान सामने आया है जिसमें वे कहते हैं कि अब भाजपा को RSS की कोई जरूरत नहीं है। अब बीजेपी अपने दम पर सक्षम है और अपना काम खुद चलाती है।
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में नड्डा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय और मौजूदा समय में काफी कुछ बदल चुका है। इसी कड़ी में आरएसएस की उपस्थिति भी बदल गई है। पहले हम इतनी बड़ी पार्टी नहीं थे और अक्षम थे। हमें आरएसएस की जरूरत पड़ती थी, लेकिन आज हम काफी आगे बढ़ चुके हैं और अकेले दम पर आगे बढ़ने में सक्षम हैं।
जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा को अब आरएसएस के समर्थन की जरूरत नहीं है। इस पर नड्डा ने कहा, 'देखिए, पार्टी बड़ी हो गई है और सभी को अपने-अपने कर्तव्य के साथ भूमिकाएं मिल चुकी हैं। आरएसएस एक सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन है और हम एक राजनीतिक संगठन हैं। यह जरूरत का सवाल नहीं है। यह एक वैचारिक मोर्चा है। वो वैचारिक रूप से अपना काम करते हैं और हम अपना। हम अपने मामलों को अपने तरीके से मैनेज कर रहे हैं और राजनीतिक दलों को यही करना चाहिए।
इसके अलावा जेपी नड्डा ने मथुरा और वाराणसी पर भी बात की। उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया कि भाजपा की मथुरा और काशी में विवादित स्थलों पर मंदिर बनाने की कोई योजना है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ऐसा कोई विचार, योजना या इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का सिस्टम इस तरह से काम करता है कि पार्टी की विचार प्रक्रिया संसदीय बोर्ड में चर्चा से तय होती है, फिर यह राष्ट्रीय परिषद के पास जाती है जो इसका समर्थन करती है।