बाल पकड़कर घसीटा, लात से कुचला, लाठियों से पीटा, जबलपुर में लाड़ली बहनों के साथ पुलिसिया बर्बरता

जबलपुर में शराब ठेके का शांतिपूर्वक विरोध कर रही महिलाओं के साथ पुलिसिया बर्बरता, बाल पकड़कर सड़कों पर घसीटा, लात से कुचला, बुजुर्ग महिलाओं को लाठियों से पीटा

Updated: Apr 07, 2023, 05:48 PM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी कहे जाने वाले जबलपुर में शुक्रवार को महिलाओं को बाल पकड़कर सड़कों पर घसीटा गया। इन महिलाओं का कसूर बस इतना था कि वे शराब दुकान के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। शांतिपूर्ण तरीके से विरोध के बावजूद पुलिस ने बर्बरता और अभद्रता की सारी हदें पार कर दी। महिलाओं को बाल पकड़कर बीच सड़क पर न सिर्फ घसीटा गया, बल्की बुजुर्ग महिलाओं तक को लाठियों से पीटा गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह महिलाएं जबलपुर के चेरीताल इलाके में बस्ती से लगी शराब दुकान को बंद किए जाने के लिए प्रदर्शन कर रही थीं। महिलाएं काफी समय से इस दुकान को बंद करने की मांग कर रही थीं। लेकिन अब तक इसे हटाया नहीं गया। जब विरोध बढ़ने लगा तो शासन ने महिलाओं को चुप कराने के लिए पुलिस को भेज दिया। पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को पहले चेतावनी दी और थोड़े ही देर में लाठीचार्ज शुरू कर दी।

महिलाओं के साथ अभद्रता की सूचना मिलते ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष और महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। हालांकि, तबतक पुलिस कई महिलाओं को उठा ले गई थी। कांग्रेस मेयर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि शराब की दुकान के पीछे लगी बस्ती की ये महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि उस बस्ती का रास्ता शराब दुकान के बाजू से है। ऐसे में यहां से आने-जाने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शराब पीने के कारण पहले भी यहां कई मौते हो चुकी है। ऐसे में महिलाएं शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध जता रही थी। लेकिन पुलिस ने यहां बल प्रयोग करते हुए महिलाओं के साथ मारपीट की है। जिससे कई महिलाओं को काफी चोट भी आई है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि, 'एक तरफ मुख्यमंत्री इन्हें लाडली बहना कहते हैं। दूसरी तरफ पुलिस भेजकर बहनों पर लाठीचार्ज कराते हैं। हम महिलाओं के साथ इस तरह की अभद्रता बर्दाश्त नहीं करेंगे। जबलपुर पुलिस प्रशासन और कलेक्टर के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा। महिलाओं की मांग जायज है। लेकिन शराब माफियाओं के दबाव में आकर भाजपा सरकार ठेका हटाने के बजाए महिलाओं के साथ ज्यादती कर रही है। इस कार्रवाई की जितनी भर्त्सना की जाए कम है।'

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प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि शराब अहाते बंद होने के बाद अब शराब पीने वाले लोगों घरों पर ही शराब पीना शुरू कर दिया है। इसके कारण न सिर्फ बच्चों पर गलत असर पड़ रहा है बल्कि शराब के नशे मे धुत होकर घरवालों के साथ मारपीट की घटनाएं भी बढ़ गई है। महिलाओं ने कहा कि, 'सरकार अब अहाते बंद करवाकर घरों मे शराब पिला रही है। जो बच्चे बिगड़ने वाले नहीं है वो भी इन्हें देखकर बिगड़ जाऐंगे। कल तक पति छिपकर अहाते मे शराब पीता था, वो अब घर मे बैठकर बच्चों के बीच शराब पी रहा है। हमें ऐसी सरकार नही चाहिए।'