अरब सागर से 480 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद, नाव से पोरबंदर लाया जा रहा था खेप
हाल के वर्षों में तटीय राज्य गुजरात से भारत में ड्रग्स की तस्करी में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पिछले महीने ही गुजरात के कच्छ से अलग-अलग तरह की 3300 किलो ड्रग्स बरामद की गई थी।
पोरबंदर। अरब सागर में पोरबंदर से 350 किलोमीटर दूर सुरक्षा एजेंसियों ने 480 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की है। भारतीय तटरक्षक बल, एनसीबी और एटीएस का संयुक्त अभियान में इस ड्रग्स की खेप को जब्त किया गया है। इस नाव के जरिए गुजरात के पोरबंदर लाया जा रहा था।
बताया जा रहा है कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCP), भारतीय तटरक्षक बल और गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) के अधिकारियों ने पाकिस्तानी नागरिकों को उस समय पकड़ लिया जब वे सोमवार रात भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे।
एनसीबी द्वारा जारी बयान के अनुसार, 11 और 12 मार्च को रातभर के संयुक्त अभियान में, भारतीय तटरक्षक बल ने 6 चालक दल के साथ एक पाकिस्तानी नाव और लगभग 480 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 80 किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई।
एनसीबी ने अपने बयान में कहा है कि आईसीजी जहाजों और डोर्नियर विमान के समुद्री-हवाई समन्वित अभियान में नाव को पोरबंदर से अरब सागर में लगभग 350 किलोमीटर दूर पकड़ लिया गया है।
बता दें कि हाल के वर्षों में तटीय राज्य गुजरात से भारत में ड्रग्स की तस्करी में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पिछले महीने ही गुजरात के कच्छ से अलग-अलग तरह की 3300 किलो ड्रग्स बरामद की गई थी जिसकी मार्केट वैल्यू दो हजार करोड़ से अधिक है।
साल 2021 में गुजरात के तटनसे दुनिया के सबसे बड़े ड्रग्स रैकेट के संचालन का भंडाफोड़ हो चुका है। बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई, नतीजतन धड्डले से ड्रग्स का कारोबार जारी है। 13 सितंबर 2021 को उद्योगपति गौतम अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 21 हजार करोड़ रुपए की 3 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी।ड्रग्स को कागजों पर टेलीकॉम पाउडर बताकर लाया गया था। हालांकि, इस बड़े रैकेट के पीछे का माफिया कौन था इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है।
मुंद्रा पोर्ट से ड्रग्स बरामदगी के बाद पता चला था कि उससे पहले भी टेलकम पाउडर के नाम पर ड्रग्स मंगाए गए थे। पिछले कुछ सालों में इस तरह के रैकेट का लगातार भंडाफोड़ हो रहा है। बावजूद ड्रग्स माफिया सक्रिय हैं। बीजेपी शासित गुजरात से संचालित यह ड्रग्स रैकेट न सिर्फ युवाओं के स्वास्थ्य बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक है।