जवानों की असमय शहादत का असली गुनहगार कौन, पुलवामा हमले की बरसी पर दिग्विजय सिंह ने पूछे सवाल
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ के काफिले में शामिल एक बस को कार ने टक्कर मार दी थी। कार में विस्फोटक होने की वजह से धमाका हुआ जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।

भोपाल। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को आज 6 साल पूरे हो गए। आतंकियों के इस कायराना हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। देश आज शहीद जवानों को याद रहा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी है साथ ही पूछा कि जवानों की असमय शहादत का असली गुनहगार कौन है?
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, 'पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए CRPF के वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि। क्या देश की जनता को ये जानने का हक़ नहीं है कि उनकी सुरक्षा के लिए अपने प्राण गँवाने वाले जवानों की असमय शहादत का असली गुनहगार कौन है? शहीदों के परिजनों को आखिर कब मिलेगा न्याय?'
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मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की महासचिव व वायु सेना से रिटायर्ड विंग कमांडर अनुमा आचार्य ने पुलवामा हमले को भाजपा सरकार का कलंक बताया है। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, 'पुलवामा देश के दिल पर एक ऐसा घाव है, जो कभी नहीं भर सकता—और इसे सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। देश के सैनिकों की शहादत का आम चुनावों में फ़ायदा लेने से जुड़ा यह BJP सरकार का एक ऐसा कलंक है, जिसे पीढ़ियाँ याद रखेंगी।'
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। लोग जवानों के क्षत-विक्षत शरीर देख बिलख रहे थे। परिवार के लोगों का क्या हाल था इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। परिवार के लोग बेसुध और बदहवास नजर आ रहे थे। अपने लाड़ले, अपने घर के चिराग को खोने का दर्द उन परिवार के लोगों पर आज साफ दिखाई दे रहा है। ये हमला तीन दशकों में हुआ सबसे बड़ा हमला था।
पुलवामा हमले में भारी मात्रा में जिलेटिन के छड़ों का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन जिलेटिन की ये छड़ें खुलेआम नहीं बिक सकती हैं। ये छड़ें सरकार की ओर से सिर्फ अधिकृत कंपनियों या फिर सरकारी विभाग जैसे भू-विज्ञान विभाग को ही दी जाती हैं। जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा? कौन था इस षडयंत्र के पीछे? ये सवाल आज भी अनुत्तरित हैं।
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पुलवामा हमले से तत्कालीन डीएसपी देवेंद्र सिंह का कनेक्शन भी जुड़ा है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक वह आतंकियों के साथ मिला हुआ था। हमले के बाद दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के मीर बाजार इलाके से सुरक्षा बलों ने डीएसपी देविंदर सिंह को लश्कर-ए-ताइबा व हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया था। सुरक्षाबलों ने तीनों को जिस कार से गिरफ्तार किया था उसमें दो एके 47 राइफल बरामद की गईं थी। आतंकियों संग पकड़े जाने के बाद डीएसपी को निलंबित कर दिया गया। लेकिन बाद में उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई ये देश को नहीं बताया गया।